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ईरान में इजरायली हमले से मचा हड़कंप, मेजर जनरल हुसैन सलामी की मौत

शुक्रवार की सुबह इजरायली हवाई हमलों ने ईरान में हड़कंप मचा दिया, जिसमें प्रमुख सैन्य अधिकारी मेजर जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। इस हमले की पुष्टि इजरायल के रक्षा मंत्री ने की है, जिन्होंने इसे एक निर्णायक कार्रवाई बताया। सलामी, जो IRGC के प्रमुख थे, को ईरान की मिसाइलों का आर्किटेक्ट माना जाता था। उनकी मौत के बाद ईरान में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और सलामी का महत्व।
 

इजरायली हमले से ईरान में खलबली

इजराइल-ईरान युद्ध: शुक्रवार की सुबह इजरायली हवाई हमलों ने ईरान को हिला कर रख दिया। इस हमले की पुष्टि इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने की, जिन्होंने कहा कि यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। इस हमले में ईरान को भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में ईरान के प्रमुख सैन्य अधिकारियों में से एक, मेजर जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। ईरान में इस घटना के बाद से हड़कंप मच गया है। सलामी की मौत की पुष्टि ईरानी सरकारी मीडिया ने की है। बताया गया है कि सलामी हमले के समय IRGC के मुख्यालय में मौजूद थे। उनके साथ कई अन्य उच्च रैंक के सैन्य अधिकारी और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।


ईरान की प्रमुख सैन्य शक्ति

हुसैन सलामी 2019 से IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के प्रमुख थे, जो ईरान की सबसे शक्तिशाली सैन्य इकाई मानी जाती है। यह बल न केवल मिसाइल निर्माण में संलग्न है, बल्कि देश के भीतर विरोध को दबाने का कार्य भी करता है। इसके अलावा, यह सीरिया, इराक, यमन और लेबनान में ईरानी हितों को बढ़ावा देता है।


सलामी का महत्व

हुसैन सलामी को ईरान की मिसाइलों का आर्किटेक्ट माना जाता था। हाल ही में उन्हें एक गुप्त भूमिगत मिसाइल ठिकाने पर देखा गया था, जहां नए शक्तिशाली मिसाइलों का निर्माण किया जा रहा था। 2024 में जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, तब भी सलामी ही इसके मास्टरमाइंड थे। उनका रुतबा इतना था कि वे सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को रिपोर्ट करते थे।


शिक्षा और करियर

हुसैन सलामी का जन्म 1960 में इस्फ़हान प्रांत के गोलपायगन शहर में हुआ था। 1980 में ईरान-इराक युद्ध के दौरान, वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्होंने पढ़ाई छोड़कर IRGC में शामिल होने का निर्णय लिया। उनकी युद्ध रणनीति और तकनीकी ज्ञान ने उन्हें तेजी से ऊंचे पदों पर पहुंचा दिया। IRGC की एयरोस्पेस यूनिट के प्रमुख के रूप में, उन्होंने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को वैश्विक शक्तियों के लिए चुनौती बना दिया था।


अमेरिका को चेतावनी

सलामी अपने आक्रामक बयानों और कट्टर राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते थे। वे अक्सर अमेरिका को चेतावनी देते थे और इजरायल को धमकाते थे। महसा अमिनी विरोध के दौरान, उन्होंने इसे विदेशी साजिश बताया था और कोविड-19 को भी अमेरिका की जैविक साजिश करार दिया था।