ईरान में खामेनेई ने उत्तराधिकार के लिए तीन धार्मिक नेताओं का चयन किया
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव के बीच महत्वपूर्ण निर्णय
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने उत्तराधिकार के लिए तीन प्रमुख धार्मिक नेताओं को चिन्हित किया है। हालांकि, उनके बेटे मोजतबा खामेनेई को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है, जो पहले से ही एक मजबूत दावेदार माने जा रहे थे।विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, खामेनेई ने ईरान की विशेषज्ञों की परिषद और अन्य प्रभावशाली धार्मिक नेताओं को सूचित किया है कि यदि सत्ता हस्तांतरण की आवश्यकता पड़ी, तो इनमें से किसी एक को अगला सर्वोच्च नेता चुना जाएगा। यह प्रक्रिया तेजी से की जा रही है, क्योंकि क्षेत्रीय संघर्ष की गंभीरता और खामेनेई की उम्र को देखते हुए अचानक सत्ता परिवर्तन की संभावना बढ़ गई है।
खामेनेई के बेटे मोजतबा का नाम इस चर्चा से बाहर होने से यह संकेत मिलता है कि ईरानी शासन वंशानुगत उत्तराधिकार से बचना चाहता है। ईरान की धार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था ने हमेशा परिवारवाद का विरोध किया है, और यह निर्णय उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष ने इस उत्तराधिकार प्रक्रिया को और भी आवश्यक बना दिया है। खामेनेई, जो 85 वर्ष के हैं, सुरक्षा कारणों से एक बंकर जैसी संरचना में रहकर अपने सरकारी कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उनकी उम्र और संभावित हमलों के खतरे को देखते हुए, सत्ता में रिक्तता न आए, इसके लिए पहले से ही कदम उठाए गए हैं।
इन दोनों देशों के बीच दशकों से चल रहा वैचारिक और सामरिक टकराव हाल के समय में और बढ़ गया है। 1979 की ईरानी क्रांति के बाद से, तेहरान ने इज़राइल के अस्तित्व को नकारते हुए खुद को फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थक बताया है। ईरान द्वारा हमास और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों को समर्थन देने और उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर इज़राइल की चिंताएं बढ़ी हैं।
इज़राइल को डर है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम सैन्य उद्देश्यों के लिए है, जबकि ईरान का कहना है कि इसका उद्देश्य केवल शांतिपूर्ण ऊर्जा विकास है। इज़राइल ने इसके जवाब में कई साइबर ऑपरेशन, ड्रोन हमले और परमाणु स्थलों पर गुप्त हमले किए हैं। अब यह टकराव सीधा सैन्य कार्रवाई और मिसाइल हमलों के स्तर पर पहुंच गया है। इस संदर्भ में खामेनेई द्वारा उत्तराधिकार के विकल्प तय करना, ईरान की वर्तमान सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।