ईरान में यहूदी समुदाय: इतिहास और वर्तमान स्थिति
ईरान में यहूदियों की जनसंख्या
ईरान में यहूदी जनसंख्या: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हाल ही में, ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर हमला किया। इजरायल यहूदियों का देश है, जिसे ईरान नापसंद करता है। हालांकि, ईरान में भी यहूदी समुदाय मौजूद है, जिनके पास प्रार्थना स्थल और स्कूल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में यहूदी समुदाय की संख्या लगभग 1 लाख थी, जो अब घटकर 9 हजार रह गई है। तेहरान, शिराज और इस्फहान में इनकी संख्या अधिक है।
ईरान में यहूदियों का रहना
ईरान छोड़ने की इच्छा नहीं
दिलचस्प बात यह है कि, पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव और सख्त शरिया कानूनों के बावजूद, ईरान में रहने वाले यहूदी इजरायल नहीं जाना चाहते। ईरान के विशेषज्ञ और पूर्व इजरायली खुफिया अधिकारी डेविड निसान के अनुसार, यहूदियों को इजरायल जाने के लिए कई बार प्रोत्साहित किया गया है, लेकिन अधिकांश ईरान छोड़ने के इच्छुक नहीं हैं। उनके पास अपनी पीढ़ियों से जुड़ाव, आर्थिक और सुरक्षा कारण हैं। हालांकि ईरान में यहूदी समुदाय की संख्या कम है, लेकिन उन्हें विशेष माना जाता है।
ईरान में यहूदियों का इतिहास
ईरान छोड़ने का कारण
इसके पीछे का कारण यह है कि यह दुनिया के सबसे पुराने यहूदी समुदायों में से एक है। एस्तेर की पुस्तक इसका प्रमुख उदाहरण है, जो दर्शाती है कि ईरान में यहूदी समुदाय ने इतिहास को कैसे प्रभावित किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान का यहूदी समुदाय अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। डेविड निसान के अनुसार, वर्तमान में ईरान में 30 यहूदी पूजा स्थल हैं, साथ ही यहूदी स्कूल और रेस्तरां भी हैं। यहां रहने वाले यहूदियों को अपनी यहूदी जीवनशैली बनाए रखने की अनुमति है।
एक आधिकारिक धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में, उनके अधिकार कानून और संविधान द्वारा संरक्षित हैं, और यहां तक कि संसद में उनका एक प्रतिनिधि भी है।