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उज्जैन में मूर्ति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक तनाव: क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश के उज्जैन में गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ। विवाद तब शुरू हुआ जब एक झांकी में 'लव जिहाद' से संबंधित विषय शामिल किया गया। मुस्लिम समुदाय ने इस पर कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की प्रतिक्रिया के बारे में।
 

उज्जैन में सांप्रदायिक तनाव का मामला

उज्जैन में तनाव की स्थिति: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील में शुक्रवार को गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। इस बार की गणेश सवारी में एक झांकी में 'लव जिहाद' से संबंधित विषय को शामिल किया गया था, जिसमें टोपी, दाढ़ी और बुर्के पहने पुतले प्रदर्शित किए गए थे। इस झांकी को लेकर मुस्लिम समुदाय ने कड़ा विरोध किया।


मुस्लिम समुदाय का विरोध और झांकी हटाने की मांग
जब झांकी मोती मस्जिद के पास पहुंची, तो मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने झांकी में मौजूद आपत्तिजनक चित्रों को हटाने की मांग की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। यह झांकी हर साल निकलने वाली गणेश सवारी का हिस्सा थी, लेकिन इस बार 'लव जिहाद' जैसे संवेदनशील विषय को शामिल करने से विवाद बढ़ गया।


पुलिस की कार्रवाई और स्थिति नियंत्रण
जैसे ही विवाद बढ़ा, पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे। एसडीएम अजय हिंगे और थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया और विवादित झांकी को आगे बढ़ाने की अनुमति दी।


प्रशासन की आपत्ति और सुरक्षा उपाय
एसडीएम ने झांकी को तुरंत हटाने का निर्देश दिया और मुस्लिम समुदाय से लिखित आवेदन देने का अनुरोध किया। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि अब स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और एहतियात के तौर पर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।


महिदपुर में हुए इस विवाद ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक आयोजनों में संवेदनशील विषयों को शामिल करने से तनाव उत्पन्न हो सकता है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने हालात को संभाल लिया, लेकिन यह घटना आपसी सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता को भी दर्शाती है।