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उज्जैन रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालु की हार्ट अटैक से मौत, स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर एक श्रद्धालु के साथ दिल का दौरा पड़ने की घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को उजागर किया है। 42 वर्षीय संजू रजवाड़े, जो महाकाल के दर्शन के बाद लौट रहे थे, को समय पर स्ट्रेचर नहीं मिला। उनके दोस्तों ने उन्हें सामान ढोने वाली ट्रॉली पर लादकर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे रेलवे की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
 

उज्जैन में दर्दनाक हादसा

उज्जैन: धार्मिक स्थल महाकाल के दर्शन के बाद घर लौट रहे एक श्रद्धालु के साथ उज्जैन रेलवे स्टेशन पर एक दुखद घटना घटित हुई। 42 वर्षीय यात्री को ट्रेन पकड़ने के दौरान दिल का दौरा पड़ा, लेकिन समय पर स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं हो सका। इस स्थिति में उसके दोस्तों ने उसे सामान ढोने वाली लोहे की ट्रॉली पर लादकर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की। हालांकि, सभी प्रयासों के बावजूद वह बच नहीं सका और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जो रेलवे की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


मृतक की पहचान छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के निवासी संजू रजवाड़े के रूप में हुई है। वह अपने चार दोस्तों के साथ महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आए थे। 21 दिसंबर की शाम लगभग साढ़े पांच बजे, जब वे उज्जैन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर पहुंचे, तो संजू ने नर्मदा एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में चढ़ने के लिए दौड़ लगाई। अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वह प्लेटफॉर्म पर गिर पड़े। उन्हें गिरता देख, वहां मौजूद टिकट निरीक्षक कृपाशंकर पटेल तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़े और सीपीआर देना शुरू किया।


 

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टीसी द्वारा सीपीआर देने के बाद संजू की पल्स कुछ हद तक लौट आई थी, लेकिन उन्हें तुरंत आईसीयू सपोर्ट की आवश्यकता थी। इस संकट के समय में स्टेशन पर एक स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं था। अपने दोस्त की जान बचाने के लिए, उनके साथियों ने बिना समय गंवाए उसे सामान ढोने वाली ट्रॉली पर लिटा दिया। वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे वे उसे ट्रॉली पर लादकर भीड़ के बीच से दौड़ रहे हैं। किसी तरह, उन्हें स्टेशन से बाहर निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया और जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना देने के बावजूद डॉक्टर समय पर नहीं पहुंच सके। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है, लेकिन इस घटना ने रेलवे स्टेशन पर मेडिकल इमरजेंसी सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है।