×

उज्ज्वला योजना में सिलेंडर कटौती: आम जनता पर पड़ेगा गहरा असर

उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडरों की संख्या में कटौती ने लाखों परिवारों को प्रभावित किया है। सरकार ने सालाना 12 सिलेंडर की सुविधा को घटाकर 9 कर दिया है, जबकि प्रति सिलेंडर सब्सिडी बरकरार है। इस निर्णय का समय महंगाई के बीच आया है, जिससे आम जनता की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके साथ ही, सरकार ने तेल कंपनियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 30000 करोड़ रुपए के मुआवजे को मंजूरी दी है। जानें इस योजना और बजट के बारे में और अधिक जानकारी।
 

उज्ज्वला योजना सिलेंडर में कटौती का प्रभाव

उज्ज्वला योजना सिलेंडर: सिलेंडरों में कमी ने आम जनता को चौंका दिया है: (उज्ज्वला योजना सिलेंडर कटौती) का सीधा प्रभाव उन करोड़ों परिवारों पर पड़ेगा जो इस योजना के तहत सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। पहले सालाना 12 सिलेंडर की सुविधा थी, जिसे अब घटाकर 9 कर दिया गया है। हालांकि, प्रति सिलेंडर ₹300 की (LPG cylinder subsidy) सब्सिडी बनी रहेगी।


यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब घरेलू गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आम आदमी पहले से ही महंगाई का सामना कर रहा है। सरकार का कहना है कि यह कदम योजना की वास्तविक खपत के आधार पर उठाया गया है।


सरकार का नया बजट और आंकड़े Ujjwala Yojana Cylinder


वित्त वर्ष 2026 के लिए सरकार ने (ujjwala yojana budget 2026) के तहत 1260 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की औसत सालाना खपत 2020 में 3 सिलेंडर थी, जो अब बढ़कर 4.47 सिलेंडर हो गई है।


यह दर्शाता है कि अधिकांश लाभार्थी साल में 12 सिलेंडर का उपयोग नहीं कर रहे थे। इसी आधार पर सरकार ने (ujjwala yojana new rule) लागू किया है, जिससे बजट का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।


तेल कंपनियों को नुकसान की भरपाई


सरकार ने तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 30000 करोड़ रुपए के कैश मुआवजे को मंजूरी दी है। यह राशि 12 किश्तों में दी जाएगी, जिसकी पहली किश्त सितंबर-अक्टूबर 2025 में जारी होगी।


वित्त वर्ष 2026 में कंपनियों को 15000 करोड़ और शेष राशि 2027 में दी जाएगी। इस दो चरणों में भुगतान से (LPG fiscal deficit) पर तत्काल असर नहीं पड़ेगा और राजकोषीय संतुलन बना रहेगा।