उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ IAS अधिकारी पर गंभीर आरोप, महिला कर्मचारियों ने उठाई आवाज
महिला कर्मचारियों की शिकायत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एक उच्च पदस्थ आईएएस अधिकारी पर अपने विभाग की महिला कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार, शोषण और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। नोएडा में राज्य कर विभाग में एडिशनल कमिश्नर के रूप में कार्यरत इस अधिकारी के खिलाफ महिला कर्मचारियों ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत पत्र भेजा है, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी अधिकारी के खिलाफ तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
महिला अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने उल्लेख किया है कि वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ गुलामों की तरह व्यवहार करते हैं, अशिष्ट भाषा का प्रयोग करते हैं और बात न मानने पर नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। पत्र में कहा गया है कि यह रवैया पिछले चार महीनों से जारी है, और अधिकारी ने कहा है, 'अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगी, तो तुम्हारी नौकरी ले लूंगा और तुम्हें नौकरी से निकाल दूंगा।'
महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि आईएएस अधिकारी उन्हें अपने कमरे में बुलाकर घंटों खड़ा रखते हैं, उन्हें घूरते हैं और देर रात फोन व वीडियो कॉल करते हैं। इसके अलावा, पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि अधिकारी छिपकर महिला अधिकारियों की वीडियो भी बनाते हैं। शिकायत के अनुसार, जो भी महिला कर्मचारी इस व्यवहार का विरोध करती है, उसे फर्जी मामलों में फंसाकर निलंबित करने की धमकी दी जाती है।
महिला अधिकारियों ने पत्र में सरकार के 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर सरकार महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महिलाओं की गरिमा से खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने इस मामले में किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या राज्य महिला आयोग से गोपनीय जांच कराने की मांग की है।
महिला कर्मचारियों द्वारा यह शिकायत 5 अगस्त को दर्ज की गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में राज्य कर विभाग में सात अधिकारियों के निलंबन का मामला चर्चा में था, जो कथित तौर पर महिला उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ा था। इस नए शिकायती पत्र ने विभाग में एक बार फिर हलचल मचा दी है।