उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई: मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अब वास्तविकता में बदल चुकी है। प्रदेश की सड़कों पर अपराधियों का आतंक समाप्त हो चुका है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई, विशेषकर मुठभेड़ों के माध्यम से, अब राज्य में अपराध के खिलाफ एक नई भाषा बन गई है।जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच उत्तर प्रदेश में कुल 12,964 मुठभेड़ें हुईं, जिसका मतलब है कि हर दिन औसतन 85 बार कानून ने अपराधियों का सामना किया। इन मुठभेड़ों में 8 कुख्यात अपराधियों को मार गिराया गया, जिनके खिलाफ वर्षों से मामले लंबित थे। इनमें से अधिकांश पर हत्या, डकैती और अपहरण जैसे गंभीर आरोप थे।
शामली में मुठभेड़ की रात
20-21 जनवरी की रात, शामली में एक मुठभेड़ ने चार अपराधियों की ज़िंदगी का अंत कर दिया। ये चारों कुख्यात गैंग के सदस्य थे, जिनमें से एक अरशद सहारनपुर का रहने वाला था। इस ऑपरेशन में यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील काकरण शहीद हो गए, जो अपने प्रदेश को सुरक्षित देखने का सपना देख रहे थे।
मैनपुरी में जीतेन्द्र का अंत
28-29 अप्रैल की रात मैनपुरी में एक मुठभेड़ में जीतेन्द्र, जो 1 लाख रुपये का इनामी बदमाश था, मारा गया। उसके खिलाफ हत्या और डकैती के कई मामले दर्ज थे।
कौशाम्बी में अपराध का अंत
17 मई 2025 को कौशाम्बी में संतोष उर्फ राजू की मुठभेड़ में मौत हो गई। वह हाल ही में एक बड़ी डकैती में शामिल था।
गोंडा में भूरे का अंत
20 मई को गोंडा में पुलिस और सोनू पासी उर्फ भूरे के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें भूरे की मौत हो गई। उसके खिलाफ 53 संगीन मामले दर्ज थे।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्पशूटर ढेर
28 मई 2025 को हापुड़ में एक ऑपरेशन में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्पशूटर नवीन कुमार मारा गया। उसके खिलाफ हत्या और लूट के कई मामले थे।
आंकड़े जो कहानी बयां करते हैं
मार्च 2017 से मई 2025 के बीच 222 अपराधी मुठभेड़ों में मारे गए। इस दौरान 8118 अपराधी घायल हुए और 20221 इनामी अपराधी गिरफ्तार किए गए।
मुख्यमंत्री की नीति
योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता में आने के बाद स्पष्ट किया था कि उत्तर प्रदेश अब अपराधियों के लिए सुरक्षित स्थान नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस को खुली छूट मिली और 66000 हेक्टेयर सरकारी भूमि माफियाओं से मुक्त कराई गई।
विपक्ष के सवाल
जहां सरकार अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रही है, वहीं विपक्ष ने इन मुठभेड़ों को 'फर्जी' करार दिया है। पुलिस का दावा है कि सभी मुठभेड़ें सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार हुई हैं।