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उत्तर प्रदेश में कूड़ा निस्तारण में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला

उत्तर प्रदेश में कूड़ा निस्तारण के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। लखनऊ, कानपुर, और अन्य जिलों में अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे इस खेल में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हो रहा है। प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और उनके अधीनस्थ अधिकारियों की गतिविधियों से स्पष्ट है कि उनकी रुचि कूड़ा प्रबंधन में कम और धन प्रबंधन में अधिक है। यदि इस मामले की जांच की जाए, तो कई राज खुल सकते हैं। जानें पूरी कहानी में क्या है।
 

भ्रष्टाचार का खुलासा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कूड़ा निस्तारण के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद और अन्य जिलों में कूड़ा प्रबंधन के नाम पर हजारों करोड़ रुपये का खेल चल रहा है। यह सब नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और उनके अधीनस्थ अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है, जिससे सरकार की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। नगर विकास विभाग के अधिकारियों की इस गतिविधि से स्पष्ट है कि उनकी रुचि कूड़ा निस्तारण में कम और 'धन प्रबंधन' में अधिक है।


अमृत अभिजात के कार्यकाल में कूड़ा प्रबंधन और ठोस कचरा निस्तारण से संबंधित जितने भी टेंडर जारी किए गए हैं, उनमें नियमों का पालन नहीं किया गया है। ये कंपनियां पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को नुकसान पहुंचा रही हैं।


उत्तर प्रदेश में कूड़ा निस्तारण के नाम पर अधिकारियों की मदद से धोखाधड़ी भी की जा रही है। अधिकारियों की पसंदीदा कंपनियां कचरे के डंप का सर्वेक्षण अपनी मर्जी से करती हैं, जिससे उन्हें मनमाने तरीके से भुगतान मिल जाता है। इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है।


कूड़ा प्रबंधन में कितनी जैविक खाद या आरडीएफ तैयार किया गया है, इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है। जन सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी का कोई उत्तर नहीं मिला है। नगर विकास विभाग आरटीआई के संशोधनों का हवाला देकर जानकारी देने से बच रहा है।


अमृत अभिजात को प्रमुख सचिव संजय प्रसाद का करीबी दोस्त होने का लाभ मिल रहा है, जिसके कारण उन्हें बार-बार छूट मिलती है। यदि हाल ही में जिन कंपनियों को टेंडर दिए गए हैं, उनकी जांच की जाए कि उन्होंने कितना आरडीएफ या जैविक खाद बनाया है, तो अमृत अभिजात का 'धन प्रबंधन' और बंदरबांट का पूरा खेल सामने आ जाएगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में पूरी मेहनत कर रहे हैं।


यदि यूपी के कई जिलों में कूड़ा निस्तारण में हो रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए, तो धन की बंदरबांट का पूरा खेल उजागर हो जाएगा।