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उत्तर प्रदेश में चकबंदी प्रक्रिया की समीक्षा: जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश में चकबंदी प्रक्रिया की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी कार्य समय पर पूर्ण किए जाएं। वर्तमान में 41 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 6 गांवों में पहले चक्र की चकबंदी 15 जुलाई तक पूरी की जानी है। जिलाधिकारी ने चकबंदी मुकदमों के त्वरित निपटारे पर भी जोर दिया है। जानें इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
 

चकबंदी की प्रक्रिया का महत्व


उत्तर प्रदेश : किसानों की बिखरी हुई ज़मीन को एकत्रित करना चकबंदी कहलाता है। अक्सर, किसानों की भूमि कई हिस्सों में बंटी होती है, जिससे खेती में अधिक समय, श्रम और लागत लगती है। बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट के लोकसभागार में चकबंदी कार्यों की समीक्षा की। वर्तमान में 41 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है, जैसा कि उप संचालक चकबंदी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बैठक में बताया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चकबंदी कार्यों में अनावश्यक देरी से बचें और सभी कार्य समय पर पूर्ण करें। इसके साथ ही, कब्जा परिवर्तन से संबंधित कार्यों को भी तेजी से पूरा करने का आदेश दिया गया है। 


पहले चक्र की चकबंदी की प्रगति

6 गांवों में पहले चक्र की चकबंदी 

जानकारी के अनुसार, 6 गांवों में पहले चक्र की चकबंदी की जा रही है, जिसे 15 जुलाई तक पूरा करने की अनुमति दी गई है। द्वितीय चक्र 35 गांवों में चल रहा है, जिनमें से 16 गांवों में सर्वेक्षण और धारा 8 के तहत अन्य परियोजनाएं चल रही हैं। जिलाधिकारी ने भदरास, मवइया, रसूलपुर, कान्हीपुर, सहावर, बिजौली, डिंगरी, बच्छराजमऊ, लाही, बबुआपुर, ओदार, जासेपुर और सलेमाबाद जैसे गांवों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कास्तकारों की आपत्तियों का समय पर समाधान करने का निर्देश दिया।


चकबंदी मुकदमों का त्वरित निपटारा

चकबंदी के मुकदमों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाए

जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी के मुकदमों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाना चाहिए, जैसे कि राज्य को पुराने राजस्व वादों के निस्तारण में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। खुज्झी, बरौली, ओदार, सलेमाबाद और जासेपुर सहित सभी गांवों में कब्जा बदलने की प्रक्रिया को कानूनी रूप से पूरा करने का आदेश दिया गया है। चकबंदीकर्ताओं और चकबंदी लेखपालों की टीम की संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाएगी। चकबंदी से संबंधित मामलों की सुनवाई गांव में ही की जाएगी।