उत्तर प्रदेश में छांगुर बाबा का धर्मांतरण रैकेट: 106 करोड़ की विदेशी फंडिंग का खुलासा
छांगुर बाबा रैकेट का खुलासा
छांगुर बाबा रैकेट: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक चौंकाने वाले खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है। अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए यूपी एटीएस ने जमालुद्दीन, जिसे छांगुर बाबा के नाम से जाना जाता है, को गिरफ्तार किया है। वह इस रैकेट का मुख्य संचालक माना जा रहा है। छांगुर बाबा, जो पहले सड़कों पर अंगूठी और ताबीज बेचते थे, ने विदेशी फंडिंग के माध्यम से 106 करोड़ रुपये से अधिक का साम्राज्य स्थापित किया है, जिसकी जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इस मामले में छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के 40 से अधिक बैंक खातों में भारी लेन-देन के सबूत मिले हैं, जो खाड़ी देशों से प्राप्त फंडिंग की ओर इशारा करते हैं। यूपी एटीएस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में इस नेटवर्क की गहरी जड़ें उजागर हुई हैं, जो न केवल धर्मांतरण बल्कि संभावित आतंकवादी गतिविधियों से भी जुड़ा हो सकता है।
अंगूठी बेचने से पीर बाबा बनने का सफर
बलरामपुर के रेहरामाफी गांव का निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पहले गलियों में अंगूठी और नग बेचकर अपना जीवन यापन करता था। 2015 में पंचायत चुनाव जीतने के बाद उसने अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाई और धार्मिक चोला धारण कर धर्मांतरण की साजिशें शुरू की। उसने खुद को सूफी संत हजरत बाबा जलालुद्दीन के रूप में प्रचारित किया और 'शिजर-ए-तैय्यबा' नामक पुस्तक के माध्यम से इस्लाम का प्रचार किया।
106 करोड़ की विदेशी फंडिंग का रहस्य
जांच में यह सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने 40 से अधिक बैंक खातों के माध्यम से 106 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया। यह राशि मुख्य रूप से खाड़ी देशों से आई थी, जिसका उपयोग धर्मांतरण की गतिविधियों में किया गया। एटीएस ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट ईडी को सौंपी है, जो अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत इसकी जांच कर रही है।
जाति के आधार पर तय कीमतें
ब्राह्मण, क्षत्रिय, या सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये
पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये
अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपये
40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा
संपत्तियों का जाल और कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में हाल ही में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट के सिलसिले में छांगुर बाबा को उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद से जमालुद्दीन पर शिकंजा कसता जा रहा है।