उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा
जल जीवन मिशन योजना की वास्तविकता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन योजना की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। कई दावों के बावजूद, इस योजना का वास्तविक प्रभाव धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। सोशल मीडिया पर टंकियों के टूटने और घरों में लगे नल के उखड़ने की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। यह स्पष्ट है कि इस योजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है, जो ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है।
अनुराग श्रीवास्तव की भूमिका पर सवाल
यूपी में इस विभाग के प्रमुख अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव की भूमिका पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक उनकी शिकायतें की गई हैं, लेकिन पिछले सात वर्षों से वे इसी विभाग में बने हुए हैं। उनके कार्यकाल में जिन कंपनियों को टेंडर दिए गए, उन्होंने भी भ्रष्टाचार किया, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल के महीनों में इस योजना में भ्रष्टाचार की गंदगी को प्रदेश और देश की जनता ने देखा है, लेकिन अनुराग श्रीवास्तव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि उनका प्रमोशन हो गया।
ब्यूरोक्रेसी में बदलाव और श्रीवास्तव का नया रूप
इन सबके बीच, प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव हुआ है और एसपी गोयल मुख्य सचिव बने हैं। कहा जा रहा है कि उनके आने से ब्यूरोक्रेसी में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे। कई मंत्रियों के बागी तेवर भी देखे जा रहे हैं। अनुराग श्रीवास्तव का भी बदला हुआ रूप सामने आया है, और अब वे भगवत मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने श्री मद्भागवत का आयोजन किया है, जिसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी शामिल हुए हैं। हालांकि, वे मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी माने जाते थे, लेकिन अब डिप्टी सीएम के साथ नजर आ रहे हैं, जिससे कई चर्चाएं हो रही हैं।
भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत
जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार के लिए करोड़ों का लेनदेन हुआ है। इसके पुख्ता सबूत मीडिया चैनल के पास मौजूद हैं। यह लेनदेन विभाग के प्रमुख के इशारों पर हुआ है और उनके करीबी डीके सिंह के बताए गए स्थानों पर पैसे पहुंचाए गए हैं, जिसमें कुछ सर्राफा कारोबारी भी शामिल हैं। इसके भी सबूत मीडिया चैनल के पास हैं।