उत्तर प्रदेश में टीजीटी और पीजीटी भर्ती में महत्वपूर्ण बदलाव
उत्तर प्रदेश टीजीटी भर्ती में नया अपडेट
UP TGT Recruitment: उत्तर प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) भर्ती के संबंध में एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। लंबे समय से शिक्षकों और अभ्यर्थियों की मांग पर, शासन ने टीजीटी जीव विज्ञान विषय को फिर से शामिल करने का निर्णय लिया है। इससे जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान में स्नातक डिग्री प्राप्त करने वाले और बीएड धारक उम्मीदवारों को भर्ती में भाग लेने का अवसर मिलेगा.
पीजीटी भर्ती में बदलाव
इसके अलावा, शासन ने पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) भर्ती की अर्हताओं में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। भूगोल और नागरिक शास्त्र विषय में परास्नातक और बीएड की आवश्यकता को अनिवार्य कर दिया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि शिक्षकों के संगठन द्वारा उठाई गई 8 मांगों को शासन ने स्वीकार किया है, जिसके बाद संशोधित आदेश जारी किया गया है.
टीजीटी भर्ती में जीव विज्ञान विषय का समावेश
नए आदेश के अनुसार, अब टीजीटी भर्ती में जीव विज्ञान (बायो) विषय को भी शामिल किया गया है। इससे उन अभ्यर्थियों के लिए नए अवसर खुल गए हैं, जो इस विषय में पढ़ाई और बीएड करने के बाद भी आवेदन करने से वंचित रह गए थे.
पीजीटी भूगोल की अर्हता में बदलाव
संशोधित आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि पीजीटी भूगोल के लिए केवल संबंधित विषय में परास्नातक की डिग्री ही पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि इसके साथ बीएड भी अनिवार्य होगा.
नागरिक शास्त्र में नई शर्तें
पीजीटी नागरिक शास्त्र विषय के लिए उम्मीदवारों को राजनीति विज्ञान या राजनीति शास्त्र में परास्नातक के साथ बीएड करना आवश्यक होगा.
शासन का आदेश
विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने इस संबंध में आदेश जारी कर शिक्षा निदेशक माध्यमिक और यूपी बोर्ड को निर्देश भेजे हैं.
शिक्षकों की मांगों पर निर्णय
शिक्षक संघ की मांगों पर शासन ने ठकुराई गुट के सुझावों को स्वीकार किया है। संगठन का कहना है कि यह निर्णय शिक्षकों और अभ्यर्थियों दोनों के लिए राहत भरा है.
संगठन ने जताया आभार
प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने बताया कि शासन ने सभी सुझावों को मान लिया है। संगठन ने शासन और यूपी बोर्ड का आभार व्यक्त किया है.
अप्रैल में जारी हुआ आदेश
22 अप्रैल 2025 को जारी आदेश में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की अर्हताओं में बड़े बदलाव किए गए थे, जिस पर संगठन ने आपत्ति जताई थी.
आपत्तियों के बाद सुधार
शिक्षक संगठनों ने 24 जून, 8 जुलाई और 31 जुलाई को शासन और बोर्ड अधिकारियों से मुलाकात कर आपत्तियां दर्ज कराईं.
अगस्त में भेजा गया संशोधन प्रस्ताव
बोर्ड ने एक अगस्त को शासन को संशोधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद यह संशोधित आदेश पारित किया गया.