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उत्तर प्रदेश में दलित किशोरी के साथ गैंगरेप का मामला, हिंदू संगठन ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक दलित किशोरी के साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। किशोरी ने जब अपने परिवार को इस बारे में बताया, तो पुलिस ने मामले को टाल दिया। लेकिन, हिंदू संगठन के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जानिए पूरी घटना के बारे में।
 

बस्ती में दिल दहला देने वाली घटना

बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक बेहद च shocking घटना सामने आई है। यहां एक दलित नाबालिग के साथ तीन युवकों ने बारी-बारी से तीन घंटे तक गैंगरेप किया। जब किशोरी ने अपने परिवार को इस बारे में बताया, तो परिजन थाने पहुंचे और पुलिस को शिकायत दी। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच में लापरवाही बरती। रविवार को हिंदू संगठन के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने तीन मुस्लिम युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू की।
बस्ती के सोनहा थानांतर्गत असनहरा पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय दलित किशोरी 16 अगस्त को सुबह नौ बजे किराने की दुकान पर जा रही थी। इसी दौरान, गांव के ही तीन आरोपियों शहबान, दिलशाद और रसीद ने उसे जबरन पकड़ लिया। उन्होंने किशोरी का मुंह बंद कर उसे शहबान के घर ले गए, जहां तीन घंटे तक उसके साथ दुष्कर्म किया। किसी को शक न हो, इसके लिए घर के बाहर ताला भी लगाया गया। इस बीच, शहबान के परिजन भी वहां पहुंचे और किशोरी को बुरी तरह पीटा, साथ ही जान से मारने की धमकी दी। घर लौटने पर किशोरी ने अपने परिवार को पूरी घटना बताई। उसके पिता ने थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को टाल दिया। रविवार को हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।


हिंदू संगठन का धरना और पुलिस की कार्रवाई

रविवार को असनहरा चौकी पर हिंदू संगठन के सदस्यों ने धरना दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की। इसके बाद, सोनहा थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। हिंदू संगठन के सदस्यों ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर गांव के तीन युवकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया। विश्व हिंदू संगठन के नेता जैसे अखिलेश सिंह, बिंद गोपाल त्रिपाठी, मनीष पांडेय, विवेक श्रीवास्तव और अभिषेक वर्मा ने धरने में भाग लिया। पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। अंततः, एएसपी और सीओ के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।