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उत्तर प्रदेश में नई औद्योगिक सिटी का निर्माण: किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा

उत्तर प्रदेश में विकास की नई दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जहां किसानों से भूमि अधिग्रहण कर एक नई औद्योगिक सिटी का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना से न केवल किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा, बल्कि हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। योजना के तहत 335 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होने वाली इस सिटी में आधुनिक सुविधाएं और हरा-भरा वातावरण होगा। जानें इस योजना के बारे में और क्या-क्या सुविधाएं शामिल होंगी।
 

उत्तर प्रदेश में विकास की नई दिशा


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश में विकास की गति अब एक नए स्तर पर पहुंच रही है। नोएडा और गाजियाबाद के विस्तार के बाद, अब एक और जिला तेजी से परिवर्तन की ओर अग्रसर है। यहां किसानों से भूमि अधिग्रहण कर एक नई सिटी का लेआउट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने पर यह क्षेत्र प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और आवासीय केंद्र बन जाएगा। 


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

भूमि अधिग्रहण

नई सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इससे न केवल किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा, बल्कि हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। नोएडा और गाजियाबाद के बाद, अलीगढ़ अब एक नए रूप में उभरने वाला है। एडीए खैर रोड पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त 'ग्रेटर अलीगढ़' बनाने की योजना बना रहा है। आइए जानते हैं कि इसे विकसित करने में कितना निवेश होगा और इसे कितने चरणों में पूरा किया जाएगा। 


नई सिटी का हरा-भरा वातावरण

नई सिटी में मिलेगा हरा-भरा वातावरण

यहां लगभग पांच हजार छोटे और बड़े प्लॉट होंगे। 45 मीटर चौड़ी मुख्य सड़क और 12 मीटर चौड़ी संपर्क सड़क इस योजना की खूबसूरती को बढ़ाएगी। प्रत्येक सेक्टर को बेहतर तरीके से जोड़ा जाएगा ताकि आवागमन और ट्रैफिक सुगम हो सके। इस योजना में आवास के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं शामिल होंगी। Centre Point Square का निर्माण किया जाएगा, जिसके चारों ओर व्यावसायिक क्षेत्र होंगे, ताकि लोगों को एक स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण मिल सके। यहां एक खेल स्टेडियम और एक ग्रीन बेल्ट भी विकसित किया जाएगा।


335 हेक्टेयर भूमि पर योजना का निर्माण

335 हेक्टेयर जमीन पर बनेगी योजना

इस योजना की लागत 700 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। प्रदेश सरकार 350 करोड़ रुपये का योगदान दे रही है, जबकि एडीए शेष खर्च वहन करेगा। यह परियोजना ट्रांसपोर्ट नगर के सामने लगभग 335 हेक्टेयर भूमि पर बनाई जा रही है। किसानों से चार गुना सर्किल रेट पर भूमि खरीदी जा रही है। अब तक 210 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, जिसमें 20 हेक्टेयर सरकारी भूमि का पुनर्ग्रहण और 190 हेक्टेयर किसानों से खरीदी गई है। किसानों को अब तक लगभग 480 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। 


चौड़ी सड़कों पर ध्यान केंद्रित

चौड़ी सड़कों पर खास ध्यान

ADEA ने इस योजना को तीन चरणों में विकसित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 70 हेक्टेयर भूमि शामिल है। ले-आउट मंडलायुक्त की मंजूरी के बाद तैयार किया जा रहा है। योजना में खेलकूद के वातावरण, हरियाली और चौड़ी सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कॉलोनी में सौ से आठ सौ वर्गमीटर के प्लॉट उपलब्ध होंगे। यह योजना रुस्तमपुर अखन, अहमदाबाद, जतनपुर चिकावटी, अटलपुर, मूसेपुर, जिरौली और ल्हौसरा विसावन के निकट बनाई जा रही है। ADEA उपाध्यक्ष कुलदीप मीणा ने कहा कि ले-आउट का कार्य तेजी से चल रहा है और दीपावली तक योजना की घोषणा होने की संभावना है।