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उत्तर प्रदेश में नए एक्सप्रेसवे का निर्माण: विकास की नई दिशा

उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बीच एक नए ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी है। यह एक्सप्रेसवे 50 किलोमीटर लंबा होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। जानें इस परियोजना के बारे में और इसके विकासात्मक महत्व के बारे में।
 

उत्तर प्रदेश सरकार का विकासात्मक कदम



उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे समाचार: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश में नए एक्सप्रेसवे और अन्य सड़कों का निर्माण जारी है। हाल ही में, यूपी कैबिनेट की बैठक में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बीच एक नियंत्रित पहुंच वाले ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को स्वीकृति दी गई है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस एक्सप्रेसवे को आधिकारिक मंजूरी दी गई, जिससे प्रदेश में क्षेत्रीय गलियारों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।


उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री अनंत गोपाल गुप्ता ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के उभरते एक्सप्रेसवे ग्रिड के लिए महत्वपूर्ण है। यह लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, बुलंद खंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैसे मौजूदा और भविष्य के गलियारों को जोड़ने का कार्य करेगा।


एक्सप्रेसवे की लंबाई और विशेषताएँ


यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा और इसकी कुल लंबाई लगभग 49.996 किलोमीटर होगी। इसे इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मॉडल के आधार पर विकसित किया जाएगा।


इस परियोजना की कुल लागत लगभग 4775.84 करोड़ रुपये आएगी, जिसका पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य सड़क नेटवर्क को मजबूत करना और राज्य के हर कोने में पहुंच सुनिश्चित करना है, जिससे परिवहन में सुधार और विकास को बढ़ावा मिल सके।