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उत्तर प्रदेश में नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की शुरुआत

उत्तर प्रदेश सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिन पर कुल 1050 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार करना है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देना है। हरदोई-फर्रुखाबाद, गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार, विंध्य और बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे जैसी योजनाएं क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी। जानें इन परियोजनाओं के बारे में और अधिक जानकारी।
 

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार सड़क और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस दिशा में, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की शुरुआत की घोषणा की है।


इन परियोजनाओं पर कुल 1050 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।


हरदोई–फर्रुखाबाद ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे

राज्य सरकार की प्रमुख योजना के तहत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से हरदोई और फर्रुखाबाद को जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 900 करोड़ रुपये होगी, जिससे इन जिलों की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।


गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच आवागमन को बेहतर बनाने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार मेरठ से हरिद्वार तक किया जाएगा। इस परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।


विंध्य एक्सप्रेसवे

पूर्वांचल को जोड़ने के लिए सरकार प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगी। यह परियोजना भी 50 करोड़ रुपये के प्रारंभिक बजट से शुरू की जाएगी और पूर्वी यूपी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


बुंदेलखंड–रीवा एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड को रीवा से जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है। इस परियोजना के लिए भी 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।