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उत्तर प्रदेश में बाढ़ का संकट: नदियों का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट पर

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़ने के कारण कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। अयोध्या, बांदा, इटावा और औरैया जैसे जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। जानें बाढ़ की स्थिति और प्रशासन की तैयारियों के बारे में विस्तार से।
 

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति

Uttar Pradesh Flood: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़ने के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और राहत कार्यों को तेज कर दिया है। अयोध्या, बांदा, इटावा, और औरैया जैसे जिलों में प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी हैं। प्रमुख नदियों जैसे सरयू, यमुना, केन और चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और राहत सामग्री के वितरण के साथ-साथ चिकित्सा सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.


अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर

अयोध्या में सरयू नदी 

अयोध्या जिले में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग के जूनियर इंजीनियर आकाश प्रताप सिंह ने बताया कि हर तीन घंटे में जलस्तर 2 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। इस स्थिति के कारण प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है और श्रद्धालुओं को नदी के गहरे हिस्सों में जाने से मना किया है.


बांदा में केन और यमुना नदियों की स्थिति

बांदा में केन और यमुना नदियों 

बांदा में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां केन और यमुना नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण पैलानी तहसील के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। बांदा की जिलाधिकारी जे. रीभा ने बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने गांवों में खाद्य सामग्री, जीवन रक्षक जैकेट और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं.


इटावा में चंबल और यमुना नदियों का जलस्तर

इटावा में चंबल और यमुना नदियां 

इटावा जिले में चंबल और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, खासकर मध्यप्रदेश के कोटा बैराज से 14,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद। इटावा के डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने चकरनगर तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया, जहां सड़कों पर भारी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए व्यवस्था की है और चिकित्सा सुविधा, साफ पानी और पोर्टेबल टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई है.


औरैया में यमुना नदी का विकराल रूप

औरैया में यमुना नदी का विकराल रूप

औरैया जिले में यमुना नदी ने विकराल रूप ले लिया है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक पानी के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 4.13 मीटर ऊपर बह रहा है। इस वजह से औरैया की तहसील और अजीतमल तहसील के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अजीतमल तहसील के सिकरोड़ी गांव में स्थिति ज्यादा गंभीर है, जहां कई लोगों के घर पानी में डूब गए हैं.


कौशांबी में कच्चा मकान गिरा

कौशांबी में गिरा कच्चा मकान 

कौशांबी जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बहादुरपुर गांव में एक कच्चा मकान गिर गया। मकान गिरने से तीन लोग दब गए, जिनमें से दो की मौत हो गई, जबकि एक महिला का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की शुरुआत की है और पीड़ितों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है.


गंगा नदी का जलस्तर

गंगा नदी का जलस्तर 

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से गाजीपुर के तटवर्ती इलाकों में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। गंगा का जलस्तर इस समय 63.98 मीटर तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण अब गाजीपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। विधायक शोएब अंसारी ने प्रभावित गांवों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की और उन्हें राहत देने का आश्वासन दिया.


चित्रकूट और भदोही की स्थिति

चित्रकूट और भदोही की स्थिति गंभीर

चित्रकूट में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। यहां राजापुर और मऊ तहसील के 70 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। भदोही में भी गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुंच गया है, जिससे नदी के किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.