उत्तर प्रदेश में शराब बिक्री से राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि
योगी सरकार ने बनाया नया राजस्व रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राजस्व संग्रहण में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। शराब की बिक्री से प्राप्त राजस्व ने सभी पूर्व रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चालू वित्तीय वर्ष (2025-26) के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) में सरकार को 22,337 करोड़ रुपये की आय हुई है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि की कमाई से काफी अधिक है, जब सरकार ने 18,104 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस प्रकार, इस वर्ष में 4,233 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।कैसे हुई यह उपलब्धि? आइए आंकड़ों के माध्यम से समझते हैं।
कुल लक्ष्य: इस वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के लिए सरकार ने शराब बिक्री से 52,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
अब तक की कमाई: पहले पांच महीनों में 22,337 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।
लक्ष्य का कितना हिस्सा पूरा हुआ: सरकार ने अपने वार्षिक लक्ष्य का 42.95% हिस्सा पहले ही प्राप्त कर लिया है।
इस बंपर कमाई के पीछे का कारण क्या है? आबकारी विभाग के अधिकारियों और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के अनुसार, इस रिकॉर्ड तोड़ कमाई का श्रेय योगी सरकार की नई, पारदर्शी और सख्त आबकारी नीति को दिया जा रहा है।
लीकेज पर नियंत्रण: सरकार ने शराब के उत्पादन से लेकर बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत कर दिया है। एक 'ट्रैक एंड ट्रेस' प्रणाली लागू की गई है, जिससे हर शराब की बोतल पर नजर रखी जाती है। इससे टैक्स चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगी है।
भ्रष्टाचार का अंत: पहले की व्यवस्थाओं में जो भ्रष्टाचार और राजस्व का लीकेज होता था, उसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
पारदर्शी नीति: नई नीति ने प्रक्रिया को इतना पारदर्शी बना दिया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करना लगभग असंभव हो गया है।
इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को दिया जा रहा है। यह रिकॉर्ड कमाई दर्शाती है कि यदि नीति सही हो और उसे लागू करने की नीयत स्पष्ट हो, तो सरकारी खजाने को आसानी से भरा जा सकता है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के विकास कार्यों में मिलेगा।