उत्तर प्रदेश में स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क में छूट का विस्तार
उत्तर प्रदेश में स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क में छूट
स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क में छूट: उत्तर प्रदेश की सरकार, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कार्यरत है, ने सभी वर्गों के लिए स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क में छूट का दायरा 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, किरायेदार और पैतृक संपत्ति के बंटवारे से जुड़े लोग शामिल हैं। महिलाओं के लिए संपत्ति खरीदने पर 1% स्टाम्प ड्यूटी छूट को 1 करोड़ रुपये तक के लेनदेन पर लागू किया गया है, जबकि पहले यह सीमा केवल 10 लाख रुपये थी। वर्तमान में स्टाम्प ड्यूटी की दर 7% है, जिससे महिलाओं को एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर 6% का भुगतान करना होगा, जिससे उन्हें 1 लाख रुपये तक की बचत होगी।
पैतृक संपत्ति के बंटवारे में लाभ
हाल ही में, योगी सरकार ने पैतृक संपत्ति के बंटवारे के लिए स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क को निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब इस प्रकार की संपत्ति के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क 5,000 रुपये तक सीमित कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पारिवारिक संपत्ति के हस्तांतरण को अधिक सस्ता और औपचारिक रूप से सरल बनाना है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यह छूट फर्मों, सोसायटियों, ट्रस्टों और कंपनियों पर लागू नहीं होगी।
पूर्व सैनिकों, दिव्यांग और किरायेदारों के लिए लाभ
अगस्त 2025 से पहले, यूपी सरकार ने केवल महिलाओं को स्टाम्प शुल्क में छूट दी थी। अब, अगस्त 2025 से पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों और किरायेदारों के लिए भी छूट का दायरा बढ़ा दिया गया है। सरकार ने छोटे और मध्यम स्तर के किरायों के लिए 10 वर्ष तक के पट्टा समझौतों पर स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क माफ करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, राज्य ने 20,000 रुपये से अधिक के पंजीकरण शुल्क के लिए ई-भुगतान अनिवार्य किया है और धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण लागू किया है।