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उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर: जानिए क्या है स्थिति

उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और बिहार में स्थिति गंभीर है। प्रधानमंत्री मोदी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। किसानों ने मुआवजे की मांग की है, जबकि राहत शिविरों में हजारों लोग रह रहे हैं। जानें इस संकट की पूरी जानकारी और ताजा हालात।
 

मौसम की स्थिति

मौसम रिपोर्ट: उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग के लगातार जारी अलर्ट सही साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और बिहार में भारी बारिश के कारण समस्याएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए भी मूसलधार बारिश की चेतावनी दी गई है।


भूस्खलन का खतरा

नैनीताल और चंपावत में भूस्खलन का खतरा

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 7 सितंबर को मौसम में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, नैनीताल और चंपावत जिलों में भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर और सिरोही जिलों में बाढ़ का पानी और बढ़ सकता है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उनका कार्यक्रम गुरदासपुर से शुरू होने की संभावना है, जहां रावी नदी का जलस्तर सबसे अधिक है। वे अमृतसर और तरनतारन का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं.


सतलुज दरिया का जलस्तर

सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ा

लुधियाना में सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है। भाखड़ा बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण जिले के कई गांव प्रभावित हो सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। दूसरी ओर, राजस्थान में बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। राजसमंद-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। जयपुर में एक चार मंजिला इमारत का आधा हिस्सा गिरने से पिता-पुत्री की मौत हो गई और पांच लोग घायल हुए हैं। वहीं, कोटा में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की जान चली गई।


किसानों की मुआवजे की मांग

किसानों ने की मुआवजे की मांग

हरियाणा में बाढ़ और जलभराव के कारण लगभग 10 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। करीब 1.7 लाख किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कर मुआवजे की मांग की है। यमुना नदी अभी भी उफान पर है, जबकि टांगरी और घग्गर नदियों में जलस्तर घटा है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207 मीटर से नीचे आ गया है, लेकिन यह खतरे के निशान से ऊपर है। फिलहाल, 20 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जहां पीने का पानी, दवा, शौचालय और सफाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है.


बाढ़ से तबाही

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में नौगांव क्षेत्र में बादल फटने से बरसाती नालों में उफान आ गया और एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मलबे से चार शव बरामद किए गए हैं। इस प्रकार, बारिश और बाढ़ से उत्तर भारत में तबाही का सिलसिला जारी है।