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उत्तरकाशी आपदा: बीआरओ ने तीन दिन में वैली ब्रिज का निर्माण किया, सोनगाड तक सड़क बहाल

उत्तरकाशी में धराली आपदा के बाद राहत कार्यों में तेजी आई है। सीमा सड़क संगठन ने तीन दिन में वैली ब्रिज का निर्माण किया, जिससे सोनगाड तक सड़क मार्ग फिर से चालू हो गया है। इस ब्रिज के निर्माण से आगे की क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने का रास्ता साफ हो गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है, जिसमें एसडीआरएफ द्वारा प्रभावित लोगों को भोजन भी प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
 

उत्तरकाशी में राहत कार्यों में प्रगति

उत्तरकाशी खोज और बचाव अभियान: धराली आपदा के बाद यह पहली सकारात्मक खबर है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लोक निर्माण विभाग के सहयोग से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमच्यागाड गांव में रविवार शाम तक वैली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है। इससे सोनगाड तक सड़क मार्ग फिर से चालू हो गया है। पहले, सेना हैलीकाप्टर के माध्यम से बचाव कार्य कर रही थी, जो मौसम के कारण काफी कठिनाई पैदा कर रहा था। आपदा के बाद धराली का सभी मार्गों से संपर्क टूट गया था। लिमच्यागाड गांव में आपदा के समय पुल बह गया था, जिसे सीमांत टकनौर क्षेत्र की जीवनरेखा माना जाता था। इसके बहने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया था।


सड़क मरम्मत का कार्य जारी

आपदा के दौरान पानी और पत्थरों के तेज बहाव के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। गंगनानी से आगे लिमच्यागाड गांव में 30 मीटर लंबा पुल बह गया था, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। बीआरओ ने दिन-रात मेहनत करके केवल तीन दिनों में वैली ब्रिज का निर्माण किया। इस ब्रिज के बनने से आगे की क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।


राहत और बचाव कार्य जारी

धराली और उसके आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य अभी भी चल रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग और एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू और राहत अभियान चला रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में संचार, बिजली और पेयजल की आपूर्ति को बहाल किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं।


एसडीआरएफ द्वारा भोजन वितरण

एसडीआरएफ ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से धराली और हर्षिल क्षेत्र में स्थापित इन रसोई से 7 अगस्त से अब तक 1615 से अधिक लोगों को ताजा भोजन प्रदान किया गया है। प्रभावित परिवारों को प्रतिदिन निर्धारित समय पर नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन वितरित किया जा रहा है।