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उत्तरकाशी में बादल फटने से 28 केरल टूरिस्ट लापता, राहत कार्य जारी

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना ने 28 केरल टूरिस्टों को लापता कर दिया है। ये सभी गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकले थे। राहत कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम और भूस्खलन के कारण चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। स्थानीय प्रशासन और सेना मिलकर लापता लोगों की खोज में जुटी है। इस आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जानें इस त्रासदी के बारे में और क्या जानकारी मिली है।
 

उत्तरकाशी में बादल फटने की त्रासदी

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा में केरल के 28 पर्यटक लापता हो गए हैं। उनके परिवार वालों ने मीडिया को बताया कि ये सभी गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकले थे और धराली गांव में ठहरे हुए थे। उन्हें सुबह गंगोत्री के लिए निकलना था, लेकिन अब उनका कोई पता नहीं चल रहा है। संभवतः वे आपदा की चपेट में आ गए हैं।


लापता टूरिस्टों से संपर्क नहीं हो पा रहा

लापता पर्यटकों के रिश्तेदारों ने बताया कि एक दिन पहले ही उनसे बात हुई थी, जब उन्होंने गंगोत्री जाने की जानकारी दी थी। जिस मार्ग पर वे थे, वहां भूस्खलन की सूचना मिली है। अब उनके रिश्तेदारों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह संभव है कि वे आपदा में फंस गए हों या फिर फोन नेटवर्क की समस्या हो। उत्तराखंड सरकार से अपील की गई है कि सभी 28 टूरिस्टों का पता लगाया जाए।


बादल फटने के स्थान

जानकारी के अनुसार, 5 अगस्त 2025 को दोपहर लगभग 1:45 बजे उत्तरकाशी जिले के धराली गांव के पास खीर गंगा नाले में बादल फटा। इसके बाद दोपहर 3 बजे सुक्खी टॉप और 3:30 बजे हर्षिल घाटी में भी बादल फटा। इन घटनाओं के बाद पहाड़ी से मिट्टी, मलबा, पानी और बड़े पत्थर आए, जिससे धराली गांव, हेलीपैड और सेना के कैंप को नुकसान पहुंचा।


आपदा से हुए नुकसान का आकलन

इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। धराली गांव से 50 से 100 लोग लापता हैं। हर्षिल घाटी में सेना के कैंप पर बादल फटने से 8 से 10 जवान भी लापता हैं। खीर गंगा नाले में अचानक आए सैलाब ने धराली गांव को 20 से 34 सेकंड में जमींदोज कर दिया। 20 से 25 होटल और होमस्टे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, और गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।


बचाव और राहत कार्य की चुनौतियाँ

उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद बचाव और राहत कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सेना, NDRF, SDRF, ITBP और स्थानीय पुलिस के 150 से अधिक जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण लापता लोगों की खोज में कठिनाई हो रही है।


सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकालने और उन्हें खाद्य सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम बाधा बन रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा स्थल का दौरा किया है। केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी सहायता का आश्वासन दिया है।