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उत्तरकाशी में बादल फटने से आठ लोग लापता, राहत कार्य जारी

उत्तरकाशी जिले में बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बादल फटने की घटना में आठ लोग लापता हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं। पीड़ित मजदूर थे, जो एक होटल के निर्माण में लगे थे। भारी बारिश के कारण यह घटना हुई, और मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जानें इस घटना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और राहत कार्य की स्थिति।
 

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बादल फटने की घटना में आठ लोग लापता हो गए हैं। इस बात की पुष्टि अधिकारियों ने की है। जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ने जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दलों को मौके पर भेजा गया है।


लापता लोग मजदूर बताए जा रहे हैं, जो एक होटल के निर्माण स्थल पर कार्यरत थे। इस होटल को बादल फटने के दौरान गंभीर नुकसान हुआ है। यह घटना क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार और सोमवार के लिए पहाड़ी राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें गरज और बिजली के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।


बादल फटने के अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है। नंदप्रयाग और भनेरोपानी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है, जबकि रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन के कारण सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर आवाजाही रोकनी पड़ी है।


यह मार्ग केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। सोनप्रयाग शटल पुल और मुनकटिया स्लाइडिंग जोन के पास इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को उनकी सुरक्षा के लिए सोनप्रयाग और गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।


यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सिलाई बैंड के पास दो से तीन स्थान बाधित हुए हैं। एनएच बड़कोट के अधिकारियों को इस अवरोध के बारे में सतर्क किया गया है। इसके अलावा, स्यानाचट्टी के पास एक नाले में मलबा जमा होने के कारण यमुना नदी का प्रवाह बाधित हो गया है, जिससे क्षेत्र के निचले इलाकों में स्थित होटलों के लिए खतरा बढ़ गया है।


राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिनमें चमोली, पौड़ी, देहरादून और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। भूस्खलन के कारण कई संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।