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उत्तरकाशी में बादल फटने से बचाव कार्य जारी, लापता लोगों की तलाश

उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने की घटना ने कई लोगों को लापता कर दिया है, जिसमें सेना के जवान भी शामिल हैं। बचाव कार्य में एनडीआरएफ और सेना जुटी हुई है, जबकि भूस्खलन के कारण मार्गों को साफ किया जा रहा है। धराली गांव की भौगोलिक स्थिति और वहां की प्राकृतिक सुंदरता भी चर्चा का विषय है। जानें इस घटना के ताजा हालात और बचाव कार्य की प्रगति के बारे में।
 

उत्तरकाशी में बचाव अभियान

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। सेना लापता व्यक्तियों की खोज में जुटी हुई है। भूस्खलन के कारण उत्तरकाशी-हर्सिल मार्ग पर आए मलबे को जेसीबी मशीनों से हटाया जा रहा है। एनडीआरएफ, सेना और पुलिस मिलकर इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
5 अगस्त को देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला दिन साबित हुआ, जब 34 सेकंड में उत्तरकाशी का धराली गांव बह गया। इस घटना में सेना के 10 जवानों सहित कई लोग लापता हो गए हैं। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हर्षिल घाटी में सेना का कैंप भी बाढ़ में बह गया।


धराली गांव की भौगोलिक स्थिति

8 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव


धराली गांव समुद्र तल से लगभग 8 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यह हिमालय के निकट स्थित है, जहां बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़, घास के मैदान, देवदार और अल्पाइन के विशाल पेड़ तथा झील-झरने इस गांव की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में मसूरी, देहरादून, ऋषिकेश, चकराता, हरिद्वार और नैनीताल में बढ़ती भीड़ के कारण पर्यटकों ने धराली गांव को एक विकल्प के रूप में अपनाया है।


बचाव कार्य की ताजा तस्वीरें