उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही, 200 से अधिक लोग लापता
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से गंभीर तबाही हुई है, जिसमें 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। भारतीय सेना ने बताया कि इनमें से 9 जवान भी शामिल हैं। इस प्राकृतिक आपदा के कारण घर, दुकानें, बाजार और सड़कें बह गई हैं। खराब मौसम और लगातार बारिश के चलते बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है। धराली और सुखी टॉप क्षेत्र में दो बादल फटे, जिससे धराली गांव पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे देखकर लोगों में दहशत फैल गई है.
बचाव कार्य और सरकारी प्रयास
उत्तरकाशी में इस आपदा के बाद बड़े पैमाने पर तलाशी और राहत कार्य चलाया जा रहा है। सुबह तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से लगातार स्थिति की जानकारी ले रहे हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन में तैनात टीमें
भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 130 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है.
हेलीकॉप्टर की तैनाती
भारतीय वायु सेना के चिनूक, Mi-17 V5, ALH और चीता हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ एयरबेस पर उड़ान भरने के लिए तैयार हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। मौसम में सुधार होते ही ये हेलीकॉप्टर राहत सामग्री और उपकरणों के साथ उत्तरकाशी के लिए उड़ान भरेंगे.
सरकारी समन्वय और सेना की भूमिका
रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने और समन्वय स्थापित करने के लिए सरकार ने तीन अतिरिक्त IAS अधिकारियों की तैनाती की है, साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी भेजा गया है। भारतीय सेना की सूर्या कमान ने कहा कि आईबेक्स ब्रिगेड के सैनिकों को तुरंत मौके पर भेजा गया है। 14 राजपूत राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन 150 कर्मियों का नेतृत्व कर रहे हैं, जो राहत कार्य में लगे हुए हैं.
सेना के जवानों की स्थिति
14 राजपूत राइफल्स के जवान भी बादल फटने के बाद आई बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि 9 जवान लापता हैं, फिर भी ये टीम के जवान अटूट संकल्प के साथ राहत कार्य में जुटे हुए हैं.