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उत्तरकाशी में भूस्खलन से उत्पन्न संकट: धराली के निवासियों की आपबीती

उत्तरकाशी के धराली में हाल ही में हुए भूस्खलन ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस घटना ने मौसम विज्ञानियों को चौंका दिया है। गांव में स्थानीय मेला होने के कारण कई लोग अपने घरों में नहीं थे, जिससे वे इस आपदा से बच गए। चश्मदीदों ने आपदा के समय के भयावह दृश्य साझा किए हैं। जानिए इस आपदा के पीछे का कारण और बचे लोगों की कहानियाँ।
 

धराली में भूस्खलन का मंजर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में मंगलवार को भूस्खलन ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी। यह घटना मौसम विज्ञानियों के लिए एक बड़ा आश्चर्य बन गई। जिस गांव में यह आपदा आई, वह समुद्र तल से लगभग 2,745 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपदा के बाद, धराली की भूमि कीचड़ और पानी के विनाशकारी प्रवाह में डूब गई, जिससे गांव का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

आपदा के समय कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जिसमें भयावह प्राकृतिक दृश्य दिखाई दे रहे थे। उत्तराखंड की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना का कारण बादल फटना बताया गया है, जिसमें थोड़े समय में अत्यधिक बारिश होती है। ऐसी बारिश आमतौर पर एक घंटे में 100 मिमी से अधिक होती है।


चश्मदीदों की गवाही

चश्मदीदों ने बताया हाल

धराली और आसपास के गांव भी इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। धराली से एयरलिफ्ट किए गए कुछ लोगों ने हादसे का आंखों देखा हाल साझा किया। उनके अनुसार, उस दिन गांव में एक स्थानीय मेला था, जिसमें ग्रामीण मंदिर के प्रांगण में एकत्रित थे। इस कारण, लोग अपने घरों में नहीं थे और इस हादसे से बच गए। लोग मंदिर में पूजा अर्चना में शामिल थे। उन्होंने आपदा के समय सीटी बजाकर लोगों को सचेत किया।


पर्यटकों की आपबीती

‘मैं सेकंड फ्लोर से कूदा…’

धराली में रेस्क्यू किए गए पर्यटक भूपेंद्र ने बताया कि जब तूफान आया, तब वह होटल में था। उसने दूसरे मंजिल से कूदकर अपनी जान बचाई, जिससे उसके कपड़े गंदे हो गए। भारतीय सेना ने उसे अपना यूनिफॉर्म दिया।


दंपति की कहानी

‘सारे होटल बह गए, हम लकी थे’

एक दंपति ने बताया कि जिस होटल में वे ठहरे थे, वह बच गया, जबकि उनके बगल वाला होटल आपदा का शिकार हो गया। जैसे ही मंजर आया, उन्होंने तुरंत सामान उठाकर वहां से निकलने का निर्णय लिया।