×

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन निर्णयों का उद्देश्य शहरी गरीबों, सरकारी कर्मचारियों, वाहन मालिकों और पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देना है। बैठक में पर्यावरण संरक्षण, भर्ती प्रक्रिया में सुधार, और ई-वाहनों पर टैक्स में छूट जैसे मुद्दों पर ठोस निर्णय लिए गए। जानें इन प्रस्तावों के बारे में विस्तार से।
 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये निर्णय राज्य के शहरी गरीबों, सरकारी कर्मचारियों, वाहन मालिकों और पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करेंगे। बैठक में पर्यावरण संरक्षण, भर्ती प्रक्रिया, ई-वाहनों पर टैक्स में छूट और पर्यटन योजनाओं जैसे मुद्दों पर ठोस निर्णय लिए गए।


शहरी विकास को बढ़ावा देने वाले निर्णय

शहरी विकास विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें 800 से अधिक पर्यावरण मित्रों को मृतक आश्रित कोटे में शामिल किया जाएगा। यह कदम सफाईकर्मियों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


वाहन मालिकों के लिए राहत के उपाय

कैबिनेट ने पुराने वाहनों के लिए राहत देने वाले निर्णयों को मंजूरी दी। अब पुराने वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, स्क्रैप किए गए वाहनों के मालिकों को सेमी अकाउंट के माध्यम से धनराशि मिलेगी। हाइब्रिड और बैट्री-प्लस-पेट्रोल वाहनों पर टैक्स में छूट का निर्णय भी निजी वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद साबित होगा।


भर्ती प्रक्रिया में सुधार

राज्य में वर्दीधारी पदों, जैसे कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टर, की भर्ती के लिए अब अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। एक ही लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके साथ ही, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में 15 नए पदों (1 स्थायी, 14 अस्थायी) और मानवाधिकार आयोग में 12 नए पदों को मंजूरी दी गई।


पर्यटन क्षेत्र में नवाचार

बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत पर्यटन विभाग के चार प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। "शेष मित्र लोटस वॉल", "अराइवल प्लाज़ा", "ट्री एंड रिवर कल्चर", और "सुदर्शन चक्र" जैसी योजनाएं सीएसआर फंड से पूरी की जाएंगी। यदि फंडिंग नहीं मिली, तो राज्य या केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को पूरा करेगी।


कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी लाभ

कर्मचारियों को राहत देते हुए, ओपीएस की तर्ज पर एनपीएस कर्मचारियों को भी सेवा अवधि के आधार पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। यह निर्णय हजारों कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।