उत्तराखंड में चमोली में बादल फटने से मची तबाही
चमोली में बादल फटने की घटना
चमोली में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने लोगों के लिए संकट पैदा कर दिया है। शुक्रवार की रात चमोली जिले के थराली कस्बे में बादल फटने से स्थिति गंभीर हो गई। भारी बारिश के चलते अचानक मलबा बहने लगा, जिससे एसडीएम आवास, तहसील परिसर और कई घरों को गंभीर नुकसान हुआ। इस घटना में एक युवती के मलबे में दबने की सूचना भी मिली है, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है।
अफरा-तफरी का माहौल
बादल फटने के कारण थराली में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। मलबे के तेज बहाव ने सड़कों को जलभराव में बदल दिया और तहसील परिसर में खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। इस घटना के बाद लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं।
प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा
घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। प्रभावित क्षेत्रों से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीणों में दहशत
सागवाड़ा गांव में एक युवती मलबे में दब गई, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया है। स्थानीय लोग प्रशासन की टीम के साथ मिलकर बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण थराली में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
कृत्रिम झील का खतरा
उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के बाद हर्षिल घाटी में बनी कृत्रिम झील एक बड़ी तबाही का कारण बन सकती है। यमुना नदी में स्यांचट्टी के पास बनी यह झील विकराल रूप धारण कर रही है। यह झील 'वॉटर बम' बनती जा रही है। होटल और घर सब कुछ पानी में डूब चुके हैं। चार मंजिला कालिंदी होटल की तीन मंजिलें जलमग्न हैं। पास की पुलिस चौकी की एक मंजिल भी पानी में डूबी हुई है। पहले यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालु इसी पुल से गुजरते थे, लेकिन कृत्रिम झील के कारण पुल भी पूरी तरह डूब गया है।