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उत्तराखंड में पेपर लीक मामले की जांच में रिटायर्ड जज की नियुक्ति

उत्तराखंड में स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने सरकार को रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को जांच की जिम्मेदारी सौंपने पर मजबूर कर दिया है। प्रदर्शनकारी युवाओं ने सीबीआई जांच, परीक्षा रद्द करने और UKSSSC अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की है। एसआईटी ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और युवाओं की प्रतिक्रिया।
 

उत्तराखंड पेपर लीक की जांच का मामला

उत्तराखंड पेपर लीक जांच: उत्तराखंड में स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने काफी चर्चा बटोरी है। सरकार ने इस मामले की जांच को पारदर्शी बनाने के लिए रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है। यह कदम न केवल जांच की निष्पक्षता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि युवाओं के विश्वास को भी पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। देहरादून के परेड ग्राउंड पर प्रदर्शनकारी तीसरे दिन भी डटे रहे, जो इस घोटाले को राज्य के बेरोजगार युवाओं के भविष्य पर हमला मानते हैं।


न्यायिक निगरानी की शुरुआत

रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को एसआईटी की जांच की निगरानी का कार्य सौंपा गया है। वे विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे, शिकायतों की समीक्षा करेंगे और जांच को सही दिशा में आगे बढ़ाएंगे। सरकार का यह निर्णय प्रदर्शनकारियों के दबाव और जांच में विश्वसनीयता की मांग के बाद लिया गया है। एसआईटी का नेतृत्व देहरादून की ग्रामीण पुलिस अधीक्षक जया बलूनी कर रही हैं, जिन्होंने 24 सितंबर को इस दल का गठन किया था।


प्रदर्शनकारियों की मांगें

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने बताया कि प्रदर्शनकारी तीन प्रमुख मांगों पर अड़े हैं: सीबीआई जांच, दोषपूर्ण परीक्षा को रद्द कर एक महीने के भीतर नई परीक्षा आयोजित करना, और UKSSSC के अध्यक्ष का इस्तीफा। देहरादून में परेड ग्राउंड पर सैकड़ों युवा इन मांगों को लेकर डटे हुए हैं, जो इस घोटाले को अपने सपनों पर चोट मानते हैं।


आरोपियों पर शिकंजा

एसआईटी ने मुख्य आरोपी खालिद (35) को बुधवार को गिरफ्तार किया, जिसने हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींची थीं। उसने ये तस्वीरें अपनी बहन सबिया को भेजीं, जिन्होंने टिहरी गढ़वाल की सहायक प्रोफेसर सुमन को उत्तर के लिए दीं। उत्तर वापस खालिद को भेजे गए, और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। सबिया को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।


अधिकारी पर कार्रवाई

पेपर लीक की घटना हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में हुई, जहां सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को लापरवाही का दोषी पाया गया। सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। तिवारी हरिद्वार के जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के परियोजना निदेशक भी हैं। एसआईटी ने लोगों से जानकारी साझा करने की अपील की है, जिसके लिए ईमेल और व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं।