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उत्तराखंड में बादल फटने से हुई त्रासदी: मां और जुड़वा बच्चों की दिल दहला देने वाली कहानी

उत्तराखंड में हाल ही में बादल फटने की घटना ने कई परिवारों को प्रभावित किया। NDRF की टीम ने मलबे से एक मां और उसके जुड़वा बच्चों के शव निकाले, जो दिल को दहला देने वाला दृश्य था। इस त्रासदी में एक पति ने अपनी पत्नी और बच्चों को खो दिया, जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन में कई अन्य लोगों की जान भी गई। जानिए इस घटना की पूरी कहानी और उसके पीछे की सच्चाई।
 

उत्तराखंड में बादल फटने की भयावहता

उत्तराखंड में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड में हाल ही में हुई एक भयंकर आपदा ने NDRF के सदस्यों को भी हिला कर रख दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान, NDRF की टीम ने मलबे के नीचे से एक महिला और उसके दो बच्चों के शव निकाले। यह दृश्य दिल को दहला देने वाला था, क्योंकि महिला अपने जुड़वा बेटों को अंतिम सांस तक अपने सीने से चिपकाए बैठी थी। मलबे में महिला की स्थिति ऐसी थी कि वह बैठी हुई थी और अपने 10 वर्षीय बेटों को अपनी बाहों में जकड़े हुए थी।


पति की बचत, पत्नी और बच्चों की हानि

NDRF की टीम ने महिला के पति कुंवर सिंह को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन उसकी पत्नी कांता और दोनों बच्चों को नहीं बचा सकी। जब कुंवर सिंह ने अपनी पत्नी और बच्चों की स्थिति देखी, तो वह चीखते हुए रोने लगा। कांता और उसके बच्चे पहले ही दम तोड़ चुके थे, लेकिन वह अपनी जान की परवाह किए बिना उन्हें बचाने की कोशिश करती रही। यह दृश्य देखने वाले सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए।


बादल फटने की घटना का समय

17 सितंबर को उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में कुंतरी गांव में बादल फटने से भारी मलबा आया, जिससे कई घर दब गए। NDRF और SDRF की टीमों ने मलबे के नीचे से लोगों की आवाजें सुनीं और 32 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुंवर सिंह को सुरक्षित निकाला। हालांकि, उसकी पत्नी और बच्चे तब तक दम तोड़ चुके थे। कुंतरी गांव में इस आपदा में 7 लोगों की जान गई।


भारी बारिश से आई तबाही

17-18 सितंबर की रात को चमोली जिले के नंदानगर तहसील में बादल फटने से भयंकर तबाही मची। फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा, धुर्मा और सरपाणी गांवों में सबसे अधिक नुकसान हुआ। बादल फटने के बाद आए पानी और मलबे ने कई मकानों को दबा दिया और खेतों को बर्बाद कर दिया। NDRF और SDRF की टीमों ने स्थानीय प्रशासन और सेना के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।