उत्तराखंड में भूस्खलन से तबाही: राहत कार्य जारी
धराली गांव में भूस्खलन की स्थिति
उत्तराखंड के धराली गांव में हाल ही में बादल फटने के कारण भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। अब तक दो शवों की बरामदगी हो चुकी है, और राहत एजेंसियों ने 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बृहस्पतिवार को भी बचाव कार्य जारी रहा, लेकिन मौसम ने कई बार बाधा डाली।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तरकाशी जिले में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा, 8 से 10 अगस्त के बीच भारी से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है। विभाग के अनुसार, "आसमान में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं तेज़ बारिश होने की संभावना है।" यह स्थिति पहले से ही कठिन बचाव कार्य को और चुनौतीपूर्ण बना सकती है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) पहले से ही मौके पर मौजूद है और राहत कार्य में जुटा हुआ है। बुधवार को दो अतिरिक्त टीमों को देहरादून से हेलिकॉप्टर के माध्यम से धराली भेजने की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के कारण उड़ान संभव नहीं हो सकी। धराली, जो देहरादून से लगभग 140 किलोमीटर दूर है, पहाड़ी रास्तों के कारण पहुंचने में कठिनाई होती है। सामान्य स्थिति में भी यहां पहुंचने में लगभग पाँच घंटे लगते हैं।
सेना, ITBP, SDRF और स्थानीय प्रशासन भी मौके पर राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को धराली का दौरा किया और स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने राहत कार्य में लगे सभी बलों के अधिकारियों से मुलाकात की और ज़मीनी स्थिति का आकलन किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की, जिन्होंने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी प्राथमिकता हर जीवन को सुरक्षित निकालना है। राहत सामग्री, भोजन और दवाओं की पूरी व्यवस्था की गई है।"