उत्तराखंड में मानसून का कहर: जानकीचट्टी में बाढ़ से तबाही
उत्तराखंड में भारी बारिश का असर
उत्तराखंड में मानसून का प्रभाव जारी है, जिससे राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी वर्षा, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। बुधवार को जानकीचट्टी में बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई, जिससे उत्तरकाशी जिले की सड़कें पूरी तरह बह गईं। राहत और बचाव दल भी जानकीचट्टी में फंस गए हैं।आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश चौहान ने जानकारी दी कि गंगोत्री धाम को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-108 जानकीचट्टी में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क के बह जाने से उत्तरकाशी की ओर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है।
राज्य में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि टिहरी गढ़वाल में भागीरथी, अलकनंदा और गंगा नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
बारिश और उफनती नदियों के कारण कई पुल भी बह गए हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। उत्तराखंड आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। हालांकि, खराब मौसम और क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम सामान्य होने तक अपनी यात्रा स्थगित करें। मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।