×

उत्तराखंड में मौसम का अलर्ट: भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना

उत्तराखंड में मौसम विभाग ने भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। 6 और 7 अक्टूबर को कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है, जबकि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और पर्यटकों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। जानें अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।
 

उत्तराखंड में मौसम की स्थिति

उत्तराखंड मौसम: भले ही उत्तराखंड में मानसून का आधिकारिक समापन हो चुका है, लेकिन भारी बारिश का खतरा अभी भी बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले 48 घंटों में यानी 6 और 7 अक्टूबर को भारी बारिश, बर्फबारी, बिजली गिरने और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है।


IMD के अनुसार, सोमवार, 6 अक्टूबर को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जैसे जिलों में तेज बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 4,000 मीटर से ऊपर के क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। हवाओं की गति 40-50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है, जिससे गरज और बिजली गिरने की भी संभावना है।


7 अक्टूबर का मौसम पूर्वानुमान

7 अक्टूबर का मौसम पूर्वानुमान


मंगलवार, 7 अक्टूबर को पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चमोली में भारी बारिश का खतरा बना रहेगा, जहां निचले इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों, विशेषकर 4,000 मीटर से ऊपर के क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। हवा की गति 30 से 40 किमी/घंटा तक हो सकती है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में खतरा बढ़ सकता है।


अधिकारी हाई अलर्ट पर

अधिकारी हाई अलर्ट पर


ताजा चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए, राज्य प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन दल पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को तैनात किया गया है। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए नियंत्रण कक्षों के माध्यम से निगरानी की जा रही है।


पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यात्रा सलाह

पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यात्रा सलाह


चेतावनी के मद्देनजर, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को अगले दो दिनों तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों या भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। स्थानीय निवासियों को भी आधिकारिक मौसम अलर्ट से अपडेट रहना चाहिए और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।