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उत्तराखंड में 'वर्क फ्रॉम विलेज' का नया युग: डिजिटल नोमैड गांवों का विकास

उत्तराखंड में 'वर्क फ्रॉम विलेज' का नया ट्रेंड उभर रहा है, जिसमें डिजिटल नोमैड गांवों का विकास किया जा रहा है। यह पहल पलायन को रोकने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की जा रही है। देहरादून और हल्द्वानी के निकट दो गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है, जहां उच्च गति इंटरनेट, मुफ्त वाई-फाई और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। जानें इस नई योजना के बारे में और कैसे यह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।
 

डिजिटल नोमैड गांवों की पहल

उत्तराखंड में कार्य संस्कृति में बदलाव के चलते 'वर्क फ्रॉम होम' के बाद अब 'वर्क फ्रॉम विलेज' का नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए, राज्य सरकार डिजिटल नोमैड गांवों का विकास करने की योजना बना रही है। इसका मुख्य उद्देश्य पलायन को रोकना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और राज्य को डिजिटल युग के अनुरूप बनाना है।


राज्य सरकार ने प्रारंभिक चरण में देहरादून और हल्द्वानी के निकट दो गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया है। इन गांवों को तकनीकी और भौतिक दृष्टि से सक्षम बनाया जाएगा, ताकि वहां काम करने वाले पेशेवरों को शहरों जैसी सुविधाएं मिल सकें।


इन डिजिटल गांवों में उच्च गति इंटरनेट, मुफ्त वाई-फाई, सुरक्षित सड़कें, बिजली और पानी की निरंतर आपूर्ति, और मजबूत ड्रेनेज सिस्टम जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, होम स्टे सुविधाओं का विस्तार कर ग्रामीणों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सचिव शैलेश बगोली को जिम्मेदारी सौंपी है। योजना के लिए सिक्किम और गोवा के मॉडलों का गहन अध्ययन किया जा रहा है।


सिक्किम का याकटेन गांव हाल ही में भारत का पहला डिजिटल नोमैड गांव घोषित हुआ है, जबकि गोवा पहले से ही इस मॉडल पर कार्य कर रहा है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और दिल्ली-एनसीआर से बेहतर संपर्क इसे इस दिशा में उपयुक्त बनाता है।


उत्तराखंड में पहले से ही होम स्टे योजनाएं पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। अब इन्हें 'वर्क फ्रॉम विलेज' कार्यक्रम से जोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा, जिससे न केवल ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि पर्यटन और डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।