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उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा को किया स्थगित

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2025 मुख्य परीक्षा को स्थगित कर दिया है। यह निर्णय नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लिया गया। आयोग ने कहा है कि नई परीक्षा तिथियों की जानकारी जल्द ही उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस परीक्षा में करीब 1200 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था, लेकिन एक प्रश्न के गलत होने के कारण परिणाम प्रभावित हुआ। जानें इस मामले में और क्या हुआ और आगे की प्रक्रिया क्या होगी।
 

मुख्य परीक्षा स्थगित होने की जानकारी

देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) ने पीसीएस 2025 मुख्य परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा चार दिसंबर को दिए गए आदेश के बाद लिया गया है। आयोग ने 7 मई 2025 को जारी विज्ञापन के अनुसार, 6 से 9 दिसंबर 2025 तक प्रस्तावित मुख्य परीक्षा को अगले आदेश तक रोक दिया है।


नई परीक्षा तिथियों की घोषणा

आयोग ने स्पष्ट किया है कि नई परीक्षा तिथियों की जानकारी आयोग की वेबसाइट पर अलग से उपलब्ध कराई जाएगी। यह आदेश सचिव अशोक कुमार पाण्डेय द्वारा जारी किया गया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ के समक्ष हुई। न्यायालय ने आयोग को निर्देश दिया है कि सामान्य अध्ययन विषय के एक गलत प्रश्न को हटाकर प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया जाए। इसके साथ ही वर्ष 2022 के रेगुलेशन के अनुसार नई मेरिट सूची भी जारी की जाएगी।


मुख्य परीक्षा के लिए सफल अभ्यर्थियों की संख्या

मुख्य परीक्षा के लिए करीब 1200 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।

इस मामले में कुलदीप कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों को चुनौती दी थी। यह परीक्षा डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक, वित्त अधिकारी-कोषाधिकारी, सहायक आयुक्त राज्य कर, राज्य कर अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित 120 से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी। इसका परिणाम आठ अक्टूबर को जारी किया गया था, जिसमें करीब 1200 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था।


याचिका में उठाए गए मुद्दे

याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन का एक प्रश्न गलत तरीके से बनाया गया था, जिससे परिणाम प्रभावित हुआ। लोक सेवा आयोग ने भी कोर्ट में स्वीकार किया कि सामान्य अध्ययन का एक सवाल गलत था, जिसे हटाया जाना चाहिए था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आयोग की प्रस्तावित मुख्य परीक्षा पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। अब संशोधित प्रारंभिक परिणाम और नई मेरिट सूची जारी होने के बाद आगे की प्रक्रिया तय होगी।


कोर्ट का निर्देश विवादित प्रश्नों पर

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने बताया कि याचिकाकर्ता की ओर से तीन अन्य प्रश्नों और उनके विकल्पों को भी गलत बताया गया था। अदालत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्न संख्या 70 को पूरी तरह से हटाया जाए। शेष तीन विवादित प्रश्नों की जांच एक विशेषज्ञ समिति से कराई जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि जब तक इन प्रश्नों की निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हो जाती और मेरिट सूची को सही ढंग से दोबारा तय नहीं किया जाता तब तक मुख्य परीक्षा कराना उचित नहीं होगा।