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उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी परीक्षा को रद्द किया, नकल और पेपर लीक के आरोप

उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी स्नातक स्तर की परीक्षा को रद्द कर दिया है, जो नकल और पेपर लीक के आरोपों के बाद किया गया। भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर छात्रों के हित में यह कदम उठाने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और सीबीआई जांच की भी घोषणा की है। जानें इस मामले में क्या हुआ और आगे की कार्रवाई के बारे में।
 

यूकेएसएसएससी परीक्षा रद्द करने का निर्णय

उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) द्वारा आयोजित स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह कदम परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक की घटनाओं के प्रकाश में आया है।


हाल ही में, भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला, जिसमें खजान दास, दिलीप सिंह रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेनू बिष्ट शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा को रद्द किया जाए।


इस मुलाकात के अगले दिन, राज्य सरकार ने 21 सितंबर को आयोजित यूकेएसएसएससी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और कहा है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने छात्रों से मुलाकात के दौरान सीबीआई जांच की भी घोषणा की थी।


यूकेएसएसएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र 21 सितंबर को हरिद्वार के आदर्श बाल इंटर कॉलेज से लीक हुआ था। मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस के अनुसार, खालिद ने परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो अपनी बहन को भेजी, जिसने इसे टिहरी की एक सहायक प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया। सुमन ने इन उत्तरों को हल कर अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया।


सुमन को जांच के बाद निलंबित कर दिया गया है, और हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को भी निलंबित किया गया है। इससे पहले, परीक्षा केंद्र पर तैनात एक दारोगा और कांस्टेबल को भी सस्पेंड किया गया था।