उदयपुर फाइल्स: आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने वाली फिल्म की रिलीज
उदयपुर फाइल्स का प्रदर्शन
उदयपुर फाइल्स: 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' 8 अगस्त 2025 को देशभर के 4500 सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई है। इस फिल्म के लॉन्च के अवसर पर कन्हैयालाल के बेटे यश साहू ने एक भावुक अपील की, जिसमें उन्होंने इसे अपने पिता की याद में श्रद्धांजलि और आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बताया। फिल्म का प्रदर्शन उदयपुर के सेलिब्रेशन मॉल, अरबन स्क्वायर, और लेक सिटी मॉल में एक-एक शो के साथ किया जा रहा है, और सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की गई है।
कन्हैयालाल की याद में खाली सीट
यश साहू ने बताया कि फिल्म के प्रदर्शन के दौरान उनके पिता कन्हैयालाल की आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए थिएटर में एक सीट खाली रखी गई, जिस पर उनकी तस्वीर रखी गई। यश ने कहा, 'मेरी मां यह फिल्म नहीं देख पाएंगी, लेकिन थिएटर में मेरे पिता की आत्मा के लिए एक सीट खाली रखी गई और उस पर उनका फोटो लगाया गया, ताकि उनकी मौजूदगी का अहसास बना रहे।'
फिल्म का उद्देश्य
यश साहू ने देशवासियों से अपील की कि वे 'उदयपुर फाइल्स' जरूर देखें और 28 जून 2022 को उनके पिता के साथ हुई क्रूरता की सच्चाई को समझें। उन्होंने कहा, 'यह फिल्म किसी धर्म का विरोध करने या किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं बनाई गई है। इसका उद्देश्य आतंकवाद के खतरनाक चेहरे को उजागर करना और लोगों को जागरूक करना है।' यश ने जोर देकर कहा कि यह फिल्म आतंकवादी मानसिकता और इसके समाज पर प्रभाव को दर्शाती है, जो कट्टरपंथी सोच के कारण निर्दोष लोगों की जान लेती है।
फिल्म के निर्माण में समर्थन
यश ने बताया कि फिल्म के निर्माण और रिलीज में कई हिंदू संगठनों और केंद्र सरकार का समर्थन मिला। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और हिंदू संगठनों ने हमें इस लड़ाई में हौसला दिया। यह समर्थन हमें न्याय की लड़ाई जारी रखने की ताकत देता है।'
हत्या का संदर्भ
उदयपुर फाइल्स 2022 में उदयपुर में कन्हैयालाल साहू की नृशंस हत्या पर आधारित है, जब दो हमलावरों, मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस, ने उनकी दुकान में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी। यह हत्या नूपुर शर्मा के विवादित बयान को समर्थन देने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में की गई थी, जिसने देशभर में आक्रोश पैदा किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले को आतंकी साजिश माना और कई आरोपियों के खिलाफ UAPA और IPC के तहत मामला दर्ज किया।