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उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम शहीद कैप्टन तुषार महाजन के नाम पर रखा गया

उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम शहीद कैप्टन तुषार महाजन के नाम पर रखा गया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया है। कैप्टन तुषार महाजन ने 2016 में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत प्राप्त की थी। उनके जीवन, शिक्षा और शहादत के बारे में जानें।
 

शहीद कैप्टन तुषार महाजन का सम्मान

शहीद कैप्टन तुषार महाजन: भारतीय सेना के शहीद कैप्टन तुषार महाजन के नाम पर उधमपुर रेलवे स्टेशन का नामकरण किया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया है और जल्द ही रेलवे स्टेशन के टिकटिंग प्रक्रिया में भी बदलाव देखने को मिलेगा।


कैप्टन तुषार महाजन का परिचय

उधमपुर के निवासी तुषार महाजन भारतीय सेना में एक अधिकारी थे। वे 21 फरवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर के पंपोर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे। उनकी बहादुरी और नेतृत्व के लिए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। अब मोदी सरकार ने उनके सम्मान में उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'शहीद कैप्टन तुषार महाजन रेलवे स्टेशन' रख दिया है।


परिवार और शिक्षा

कैप्टन तुषार महाजन का परिवार उधमपुर में निवास करता है। उनके पिता, देव राज गुप्ता, रिटायर्ड प्रिंसिपल थे, और उनकी मां का नाम आशा गुप्ता है। तुषार का बड़ा भाई निखिल गुप्ता भी परिवार के साथ उधमपुर में रहता है। तुषार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लिटिल फ्लावर्स कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की और हैप्पी मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं कक्षा पास की। जून 2006 में, उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में दाखिला लिया।


NDA और IMA में कैप्टन का सफर

बचपन से ही सेना में अधिकारी बनने का सपना देखने वाले तुषार NDA में 'अल्फा' स्क्वाड्रन 116 का हिस्सा थे। उन्होंने NDA में क्रॉस-कंट्री दौड़ और बॉक्सिंग में उत्कृष्टता हासिल की। जून 2009 में NDA से स्नातक होने के बाद, उन्होंने इंडियन आर्मी एकेडमी (IMA) देहरादून में प्रशिक्षण लिया और 2010 में लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल हुए।


शहादत की घटना

कैप्टन तुषार महाजन ने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर सेना में शामिल होने का निर्णय लिया। 20 फरवरी 2016 को पंपोर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी और एक नागरिक की जान गई, जबकि कई CRPF जवान घायल हुए।


कैप्टन तुषार को मिले सम्मान

कैप्टन तुषार को मरणोपरांत शौर्य चक्र, भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्रदान किया गया। 2017 में, उनके जन्मदिन पर उधमपुर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की गई है, जो उनके नाम पर स्थापित की गई है।