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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, चुनाव की प्रक्रिया शुरू

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया। अब संविधान के अनुसार, इस पद के लिए छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। एनडीए सरकार को इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा, और पार्टी जल्द ही नए उम्मीदवार पर विचार करेगी। धनखड़ का इस्तीफा भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति का इस्तीफा है, जिन्होंने कार्यकाल के दौरान यह कदम उठाया। आगे की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए नेतृत्व को एक नए उपराष्ट्रपति का चयन करना होगा।
 

उपराष्ट्रपति का इस्तीफा

NDA उम्मीदवार उपराष्ट्रपति: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत यह त्यागपत्र तत्काल प्रभाव से दिया।


धनखड़ का कार्यकाल

74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था, और उनका कार्यकाल 2027 तक चलने वाला था। वे राज्यसभा के सभापति भी थे। उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई।


चुनाव की अनिवार्यता

चुनाव कराना अनिवार्य 

संविधान के अनुसार, इस पद के लिए छह महीने के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है। इस बीच, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे।


एनडीए सरकार की प्रतिक्रिया

एनडीए सरकार हैरान

धनखड़ के इस्तीफे ने एनडीए सरकार को चौंका दिया है। बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या है, और पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवार पर चर्चा शुरू करेगी। संभावित नामों में वर्तमान राज्यपाल, वरिष्ठ संगठनात्मक नेता या केंद्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं।


भाजपा का उम्मीदवार चयन

सरकार के भरोसेमंद चेहरे

भाजपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी एक ऐसे उम्मीदवार को चुनने की योजना बना रही है जो "मजबूत, संतुलित और विवाद रहित" हो। चर्चा में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम भी शामिल है, जो जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हैं और 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं।


विपक्ष के साथ टकराव

विपक्षी दलों के साथ तीखे टकराव

धनखड़ के पूर्ववर्ती एम. वेंकैया नायडू भी भाजपा से थे और उपराष्ट्रपति बनने से पहले केंद्रीय मंत्री रह चुके थे। धनखड़ ने इस पद पर रहते हुए कई बार विपक्षी दलों के साथ तीखे टकराव का सामना किया।


इतिहास में तीसरे उपराष्ट्रपति

भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति 

धनखड़ भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा दिया। इससे पहले वीवी गिरि (1969) और आर. वेंकटरमण (1987) ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए यह पद छोड़ा था।


आगे की प्रक्रिया

आगे की राह

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए नेतृत्व एक नए उपराष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह निर्णय न केवल राजनीतिक बल्कि संवैधानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के अध्यक्ष होते हैं बल्कि राष्ट्रपति पद के उत्तराधिकारी की संभावनाओं में भी माने जाते हैं।