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ऋषभ पंत की गंभीर चोट: क्या क्रिकेट में नियमों में बदलाव की आवश्यकता है?

भारतीय उप-कप्तान ऋषभ पंत को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में गंभीर चोट लगी है, जिससे उनकी भागीदारी पर संकट आ गया है। चोट के कारण उन्हें छह हफ्ते का आराम दिया गया है। इस घटना ने क्रिकेट नियमों में बदलाव की आवश्यकता पर बहस छेड़ दी है, जिसमें पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने सुझाव दिया है कि चोटिल खिलाड़ियों के लिए विकल्प उपलब्ध होने चाहिए। हालांकि, पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने इस पर असहमति जताई है। पंत की चोट ने भारतीय टीम की बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में महत्वपूर्ण कमी ला दी है।
 

ऋषभ पंत को लगी गंभीर चोट

मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड के खिलाफ खेलते समय भारतीय उप-कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को गंभीर चोट का सामना करना पड़ा। यह चोट तब हुई जब उन्होंने क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलने का प्रयास किया और गेंद उनके पैर के अंदरूनी हिस्से से टकरा गई। पंत को तेज दर्द महसूस हुआ और वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके। फिजियो तुरंत उनकी सहायता के लिए मैदान में पहुंचे और उन्हें इलाज के बाद गोल्फ कार्ट से बाहर ले जाया गया।


चोट का उपचार

पंत का उपचार ओल्ड ट्रैफर्ड के मेडिकल रूम में किया गया, लेकिन खेल समाप्त होने से पहले उन्हें अस्पताल ले जाकर स्कैन कराया गया। स्कैन रिपोर्ट में उनके पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई। इसके बाद, बीसीसीआई ने उन्हें छह हफ्ते के आराम की सलाह देते हुए एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी से बाहर कर दिया।


क्रिकेट नियमों पर चर्चा

इस घटना के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने सुझाव दिया कि क्रिकेट नियमों में बदलाव किया जाए ताकि यदि कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए, तो उसकी जगह कोई अन्य बल्लेबाज या गेंदबाज आ सके। वॉन का मानना है कि 10 बनाम 11 की स्थिति उचित नहीं है, खासकर जब मैच में चार दिन बाकी हों।


पार्थिव पटेल की राय

हालांकि, भारत के पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने इस सुझाव से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के नियम पहले से ही स्थापित हैं और उनमें बदलाव की आवश्यकता नहीं है। पार्थिव ने यह भी बताया कि कई बार टी20 क्रिकेट में नियमों का गलत फायदा उठाने की कोशिश होती है। वर्तमान में, यदि कोई विकेटकीपर घायल हो जाए, तो टीम में कोई अन्य खिलाड़ी विकेटकीपिंग कर सकता है, इसलिए अतिरिक्त बदलाव की आवश्यकता नहीं है।


पंत की चोट का इतिहास

ऋषभ पंत इस सीरीज में पहली बार चोटिल नहीं हुए हैं। लॉर्ड्स में खेले गए पिछले टेस्ट में, उन्होंने जसप्रीत बुमराह की गेंद पकड़ते समय अपने हाथ में चोट लगाई थी। उस मैच में, वे चोट के बावजूद बल्लेबाजी करते रहे, लेकिन विकेटकीपिंग नहीं कर सके। तब ध्रुव जुरेल को स्थानापन्न विकेटकीपर के रूप में उतारा गया था।


भारत की उम्मीदों पर चोट का प्रभाव

पंत इस सीरीज में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने सीरीज के पहले मैच में दो शानदार शतक बनाए थे। उनकी चोट से टीम की बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों में कमी आई है। भारतीय टीम को अब इस नुकसान से उबरने के लिए नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।