एज्योर पावर ने रिश्वतखोरी के मामले में 2.3 करोड़ डॉलर का निपटान किया
एज्योर पावर का निपटान समझौता
सौर ऊर्जा निर्माता एज्योर पावर ने अमेरिका के जिला न्यायालय में रिश्वतखोरी और अन्य अनियमितताओं से जुड़े मामले को 2.3 करोड़ डॉलर के भुगतान के साथ सुलझा लिया है। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि यह निपटान उसे आगे बढ़ने में मदद करेगा।
न्यूयॉर्क जिला न्यायालय में दायर अभियोग के अनुसार, एज्योर और इसके पूर्व कार्यकारी अधिकारियों - रंजीत गुप्ता, मुरली सुब्रमण्यम और पवन कुमार अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने आंकड़ों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और नई परियोजनाएं प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी।
अभियोग में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार-रोधी और रिश्वत-रोधी कानूनों का उल्लंघन किया, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ, जिन्होंने एज्योर के शेयर कृत्रिम रूप से बढ़ी कीमतों पर खरीदे।
कंपनी ने बताया कि अप्रैल 2025 में कंपनी और अदालत द्वारा नियुक्त प्रमुख शिकायतकर्ता के बीच निपटान समझौता हुआ था। इस समझौते को अदालत ने 30 अप्रैल, 2025 को प्रारंभिक मंजूरी दी थी, और अब इसे अंतिम मंजूरी भी मिल गई है।
निपटान समझौते के अनुसार, 2.3 करोड़ डॉलर की राशि पहले ही निर्दिष्ट एस्क्रो खाते में जमा कर दी गई है। यह राशि 1 जनवरी 2020 से 20 नवंबर 2024 के बीच एज्योर के शेयर खरीदने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं में वितरित की जाएगी।
एज्योर पावर ने कहा, "कंपनी उच्चतम नैतिक और नियामकीय मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह निपटान कंपनी को टिकाऊ ऊर्जा समाधान प्रदान करने और शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाएगा।"