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एथियोपिया से आई ज्वालामुखीय राख का असर: भारत में उड़ान संचालन पर क्या है स्थिति?

भारत के विमानन मंत्रालय ने एथियोपिया से आई ज्वालामुखीय राख के कारण उड़ानों के मार्ग में बदलाव की जानकारी दी है। हालांकि, मंत्रालय ने यात्रियों को आश्वस्त किया है कि उड़ान संचालन सुरक्षित है। IMD के अनुसार, राख का बादल मंगलवार शाम तक भारतीय वायुमंडल से बाहर निकल जाएगा। ज्वालामुखी विस्फोट के कारण राख 14 किलोमीटर ऊँचाई तक पहुँच गई थी। एयरपोर्ट और एयरलाइंस को अलर्ट जारी किया गया है, और धीरे-धीरे उड़ान संचालन सामान्य हो रहा है।
 

भारत में उड़ान संचालन की स्थिति


नई दिल्ली : भारत के विमानन मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि एथियोपिया से आने वाली ज्वालामुखीय राख के कारण कुछ उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है, लेकिन देशभर में उड़ान संचालन सुरक्षित और स्थिर बना हुआ है। मंत्रालय ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि चिंता की कोई बात नहीं है। यह भी बताया गया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी की जा रही है।


उड़ानों के मार्ग में बदलाव

उड़ानों का मार्ग बदला गया
विमानन मंत्रालय ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर कुछ उड़ानों को मार्ग बदलने या ऊँचाई घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सभी प्रभावित उड़ानों के अपडेट रियल टाइम में एयरलाइंस और नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध कराए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जानकारी दी जाएगी।


ज्वालामुखीय राख का प्रभाव

मंगलवार शाम तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान लगाया है कि ज्वालामुखीय राख का बादल मंगलवार शाम तक भारतीय वायुमंडल से बाहर निकल जाएगा। IMD के महानिदेशक मृत्युञ्जय मोहापात्रा ने बताया कि राख का बादल अब चीन की दिशा में बढ़ रहा है। यह राख का बादल सोमवार को गुजरात में प्रवेश किया और रात के दौरान राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में फैल गया।


ज्वालामुखी विस्फोट का विवरण

विस्फोट के दौरान राख की ऊँचाई
यह घटना एथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हैली गब्बी नामक शील्ड ज्वालामुखी के अचानक सक्रिय होने के कारण हुई। यह ज्वालामुखी लगभग दस हज़ार वर्षों तक निष्क्रिय था। विस्फोट के दौरान राख 14 किलोमीटर ऊँचाई तक पहुँच गई। टूलूज वोल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर ने बताया कि विस्फोट रविवार सुबह 8:30 बजे GMT के आसपास शुरू हुआ और राख का बड़ा बादल धीरे-धीरे उत्तरी भारत की ओर बढ़ा। उच्च ऊँचाई की हवाओं ने राख के बादल को रेड सी, यमन और ओमान से होते हुए अरब सागर के पार पश्चिमी भारत तक पहुँचाया।


एयरपोर्ट और एयरलाइंस की तैयारी

एयरपोर्ट और एयरलाइंस को अलर्ट जारी
देशभर के हवाई अड्डों को सतर्क रहने और रनवे तथा अप्रॉन पर राख के जमाव की जांच करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि यह विमान इंजनों और ग्राउंड संचालन के लिए खतरा बन सकता है। इंडिगो, आकासा एयर और KLM जैसी एयरलाइंस ने बदलते हवाई मार्ग और मौसम की परिस्थितियों के अनुसार अपने शेड्यूल में बदलाव किया। उदाहरण के लिए, इंडिगो की कन्नूर से अबू धाबी फ्लाइट (6E 1433) को सोमवार को अहमदाबाद में डायवर्ट किया गया। अन्य एयरलाइंस ने भी इंजन की जांच के बाद ही उड़ान जारी रखी।

धीरे-धीरे सामान्य हो रहा उड़ान संचालन

DGCA ने सोमवार को विस्तृत एडवाइजरी जारी की थी। इसके बाद राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कई उड़ानों में सुरक्षात्मक बदलाव किए गए। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि मौसम सुधर रहा है और दृश्यता बेहतर हो रही है। अनुमान है कि मंगलवार शाम तक भारतीय वायुमंडल में उड़ान संचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।