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एफएसएसएआई ने 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को किया प्रशिक्षित

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षण देकर खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता को बढ़ावा दिया है। 2017 में शुरू हुए FoSTaC कार्यक्रम के तहत विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके साथ ही, ईट राइट इंडिया आंदोलन के तहत 405 स्ट्रीट फूड हब को प्रमाणित किया गया है। एफएसएसएआई ने दूरदराज के क्षेत्रों में खाद्य परीक्षण के लिए मोबाइल लैब भी स्थापित की हैं।
 

स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देश में सुरक्षित और स्वच्छ खानपान को बढ़ावा देने के लिए 3 लाख से ज्यादा स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2017 में शुरू किए गए फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन (FoSTaC) कार्यक्रम के तहत 'स्ट्रीट फूड वेंडिंग' नामक विशेष पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जिससे स्ट्रीट फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों को खाद्य सुरक्षा और मानकों का प्रशिक्षण दिया जाता है.


खाद्य सुरक्षा की निगरानी

एफएसएसएआई स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण, जागरूकता अभियानों और कड़े प्रवर्तन का सहारा लेता है। इसके अंतर्गत नियमित निगरानी, निरीक्षण और खाद्य उत्पादों के रैंडम सैंपल की जांच की जाती है। यदि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत नियमों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित व्यवसाय संचालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है.


ईट राइट इंडिया आंदोलन

ईट राइट इंडिया आंदोलन के तहत, एफएसएसएआई ने ईट राइट स्ट्रीट फूड हब प्रमाणन कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिससे स्ट्रीट फूड में स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। अब तक देशभर में 405 ईट राइट स्ट्रीट फूड हब को प्रमाणित किया जा चुका है.


मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब

दूरदराज के क्षेत्रों में खाद्य परीक्षण और सुरक्षा संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए, एफएसएसएआई ने मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना की है। अब तक देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 305 मोबाइल लैब स्थापित की जा चुकी हैं.