एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सीआरएसयू कंट्रोलर को ज्ञापन सौंपा
दाखिले के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना
(Jind News) जींद। रिवॉल्यूशन रिजल्ट में आ रही समस्याओं को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कंट्रोलर डा. राजेश बंसल को ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी नेता हिमेश यादव ने बताया कि बीए एलएलबी के पहले और तीसरे सेमेस्टर के छात्रों ने रिवोल्यूशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन अधिकांश छात्रों के परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। छात्रों ने प्रति विषय 300 रुपये का शुल्क भरा था। यदि परीक्षा की जांच नहीं होती, तो छात्रों से आवेदन क्यों लिए जाते हैं?
इसके अलावा, जींद के राजकीय महाविद्यालय की एबीवीपी इकाई ने यूजी और पीजी कोर्स के दाखिले के दौरान छात्रों की सुविधा के लिए एक हेल्प डेस्क स्थापित किया है। जिला संयोजक वीर सैन ने बताया कि एबीवीपी हर बार छात्रों के हित में हेल्प डेस्क लगाती है। यहां छात्रों को दाखिले की प्रक्रिया, फीस भुगतान, काउंसलिंग और दस्तावेजीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है, ताकि उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
छात्रों को सेमेस्टर वाइज फीस भरने का अवसर
एबीवीपी नेता रवि जोशी, मोहित और अध्यक्ष राहुल कक्कड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को सेमेस्टर वाइज फीस भरने का अवसर दिया जाना चाहिए। कुछ कोर्स की फीस 30,000 से 70,000 रुपये तक है, जो एक साथ जमा करना छात्रों के लिए कठिन है। पिछले बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीपीएल कार्ड धारकों को दो बार फीस भरने का अवसर दिया था। हरियाणा के सभी एडेड और प्राइवेट कॉलेजों में भी छात्रों से सेमेस्टर वाइज फीस ली जाती है।
यदि छात्रों को एक बार में इतनी फीस भरने के लिए कहा जाएगा, तो कई छात्र दाखिला नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा, हरियाणा सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप पिछले दो वर्षों से नहीं आई है। कुछ छात्रों ने ऑफलाइन फीस भी जमा की है, लेकिन उनकी फीस स्लिप नहीं ली जा रही है।
परीक्षा तिथियों में बदलाव की मांग
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रोहन सैनी ने बताया कि जींद विश्वविद्यालय और उससे संबंधित कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा 26 और 27 जुलाई को हरियाणा सीईटी और 28 जुलाई को नेट की होगी। इसके साथ ही 30 और 31 जुलाई को एचटेट की परीक्षा भी है। इस स्थिति में छात्रों को एक ही समय में दो परीक्षाएं देने में कठिनाई हो रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन से परीक्षा तिथियों में बदलाव की मांग की जा रही है।