एयर इंडिया की उड़ानों में तकनीकी गड़बड़ी के बाद सामान्य स्थिति बहाल
चेक-इन प्रणाली में सुधार
नई दिल्ली: मंगलवार को 'थर्ड पार्टी सिस्टम' में तकनीकी समस्या के चलते कई हवाई अड्डों पर चेक-इन प्रक्रिया प्रभावित हुई, जिससे एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों की उड़ानों में देरी हुई। हालांकि, एयर इंडिया ने अब पुष्टि की है कि समस्या का समाधान हो गया है और परिचालन सामान्य हो गया है।
एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर एक अपडेट में बताया कि थर्ड-पार्टी सिस्टम पूरी तरह से बहाल हो चुका है और सभी हवाई अड्डों पर चेक-इन प्रक्रिया अब सामान्य रूप से चल रही है। सभी उड़ानें निर्धारित समय पर उड़ान भर रही हैं। यात्रियों के सहयोग के लिए एयर इंडिया ने धन्यवाद भी दिया।
उड़ानों में देरी का कारण
एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों पर प्रभाव
मंगलवार की रात, थर्ड पार्टी सिस्टम में गड़बड़ी के कारण एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों की उड़ानें प्रभावित हुईं, जिससे कुछ उड़ानों में देरी हुई। उड़ान ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार24 ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रस्थान में विलंब को असामान्य रूप से उच्च स्तर 4 पर दर्शाया, जो तकनीकी समस्या की शुरुआत के बाद कई उड़ानों में देरी और रद्दीकरण का संकेत देता है।
एयर इंडिया ने कहा, "हमारी एयरपोर्ट टीमें सभी यात्रियों के लिए सुचारू चेक-इन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए पूरी मेहनत कर रही हैं। हालांकि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, फिर भी कुछ उड़ानों में देरी हो सकती है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।"
पिछले महीने की तकनीकी समस्या
दिल्ली हवाई अड्डे पर तकनीकी खराबी
लगभग एक महीने पहले, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन में बाधा आई थी, जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) प्रणाली में तकनीकी खराबी आ गई थी। इससे 800 से अधिक उड़ानों में देरी हुई और सैकड़ों यात्री टर्मिनलों पर फंसे रहे। सूत्रों के अनुसार, यह व्यवधान स्वचालित संदेश स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस) में समस्या के कारण हुआ था, जो उड़ान योजनाओं के लिए डेटा भेजता है।
सोमवार को केंद्र ने संसद में बताया कि दिल्ली और अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर संचालित उड़ानों में पिछले वर्ष जीपीएस स्पूफिंग और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) हस्तक्षेप की घटनाएं सामने आई हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इन घटनाओं के बारे में जानकारी दी।