एलन मस्क का H-1B वीजा पर नया दृष्टिकोण: विदेशी प्रतिभा की अहमियत और सुधार की मांग
एलन मस्क और H-1B वीजा का विवाद
एलन मस्क और H-1B वीजा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की वार्षिक फीस को बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया है, जिससे विदेशी श्रमिकों और तकनीकी कंपनियों में हलचल मच गई है। इस बीच, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के H-1B वीजा पर किए गए पुराने ट्वीट्स फिर से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं।
एलन मस्क का H-1B वीजा पर बदलता नजरिया
दक्षिण अफ्रीका में जन्मे एलन मस्क ने H-1B वीजा के माध्यम से अमेरिका में कदम रखा था। पहले उन्होंने इस वीजा प्रणाली की सराहना की थी, इसे 'महत्वपूर्ण प्रतिभा' के लिए आवश्यक बताया था। लेकिन कुछ घंटों बाद, उन्होंने इस प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
विदेशी प्रतिभा का समर्थन
मस्क ने विदेशी प्रतिभा को अमेरिका की ताकत बताया और कहा कि कई बड़ी कंपनियां, जैसे स्पेसएक्स और टेस्ला, H-1B वीजा के कारण ही अस्तित्व में आई हैं। उन्होंने इस प्रणाली की रक्षा के लिए 'युद्ध' करने की इच्छा भी व्यक्त की।
सुधार की सिफारिशें
हालांकि, मस्क ने H-1B वीजा में सुधार की भी मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि इस वीजा पर न्यूनतम वेतन को बढ़ाया जाए और हर साल इसकी अतिरिक्त लागत रखी जाए, ताकि विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना घरेलू श्रमिकों की तुलना में महंगा हो जाए।
ट्रंप प्रशासन का दृष्टिकोण
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस निर्णय पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों को प्राथमिकता देना है। व्हाइट हाउस के अनुसार, H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस का लक्ष्य घरेलू रोजगार की सुरक्षा करना है, जबकि कंपनियों को असाधारण प्रतिभा को आकर्षित करने का अवसर भी प्रदान करना है।