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एलन मस्क ने AI चैटबॉट 'ग्रोक' को ओपन सोर्स किया

एलन मस्क ने अपने AI चैटबॉट 'ग्रोक' के एक संस्करण को ओपन सोर्स कर दिया है, जिससे डेवलपर्स इसे एक्सेस कर सकेंगे। यह कदम AI के विकास में तेजी लाने और विविधता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। मस्क ने अगले छह महीनों में 'ग्रोक-3' के लॉन्च की भी घोषणा की है, जो अधिक शक्तिशाली होगा। जानें ग्रोक की विशेषताएं और इसके भविष्य की योजनाएं।
 

एलन मस्क का नया कदम

टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख, एलन मस्क, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने अपने AI चैटबॉट 'ग्रोक' (Grok) के एक संस्करण को ओपन सोर्स कर दिया है, जिससे वैश्विक डेवलपर्स इसे उपयोग कर सकेंगे और इसके विकास में योगदान दे सकेंगे। मस्क ने यह भी बताया कि अगले छह महीनों में 'ग्रोक-3' (Grok-3) का एक उन्नत संस्करण भी पेश किया जाएगा।


ओपन सोर्सिंग का महत्व

ग्रोक का ओपन सोर्स किया गया संस्करण, ग्रोक-2 पर आधारित है। इसका अर्थ है कि इसके सोर्स कोड को गिटहब जैसे प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराया गया है। इससे AI डेवलपर्स और शोधकर्ता ग्रोक की कार्यप्रणाली को समझने, उसमें सुधार करने और अपनी परियोजनाओं में इसे लागू करने में सक्षम होंगे। मस्क का मानना है कि इस कदम से AI का विकास तेजी से होगा और इसमें विविधता आएगी।


ग्रोक का AI में स्थान

एलन मस्क की AI कंपनी xAI द्वारा विकसित ग्रोक को विशेष रूप से एक्स (पूर्व ट्विटर) प्लेटफॉर्म के डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है। इसका उद्देश्य एक ऐसा AI सहायक बनाना है जो अधिक ईमानदार, निष्पक्ष और 'जागृत' न हो, जैसा कि मस्क मौजूदा AI मॉडलों के बारे में अक्सर कहते हैं। ग्रोक की विशेषता यह है कि यह रीयल-टाइम जानकारी तक पहुंच सकता है, जो इसे अन्य AI मॉडलों से अलग बनाती है।


ग्रोक-3 का भविष्य

मस्क ने संकेत दिया है कि उनकी टीम अगले छह महीनों में 'ग्रोक-3' को लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह संस्करण ग्रोक-2 से कहीं अधिक शक्तिशाली और सक्षम होने की उम्मीद है। मस्क का मानना है कि ओपन सोर्सिंग की यह रणनीति AI के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगी और मौजूदा AI मॉडलों में मौजूद पक्षपात और 'वोक' एजेंडे को चुनौती देगी।