एशिया कप ट्रॉफी विवाद: बीसीसीआई और नकवी के बीच तीखी बहस
एशिया कप ट्रॉफी का विवाद
भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप फाइनल के बाद ट्रॉफी को लेकर उत्पन्न विवाद अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की राजनीति में एक नया मुद्दा बन गया है। बीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने एसीसी की बैठक में नकवी से सवाल पूछे कि ट्रॉफी भारतीय टीम को क्यों नहीं सौंपी गई और यह उनके होटल रूम तक कैसे पहुंची।
बीसीसीआई का आरोप
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और अशीष शेलार ने नकवी को घेरते हुए कहा कि ट्रॉफी एसीसी की संपत्ति है, न कि किसी एक व्यक्ति की। शुक्ला ने यह भी कहा कि जब भारतीय टीम विजेता बनी है, तो उन्हें औपचारिक रूप से ट्रॉफी दी जानी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि नकवी ने जानबूझकर ट्रॉफी अपने पास रखी और इसे होटल ले गए, जो एसीसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
नकवी का बचाव
इस दौरान, नकवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत ने लिखित रूप से यह नहीं बताया था कि वे ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें 'कार्टून' जैसा दिखाया गया। हालांकि, बीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने उनके तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि एसीसी के नियमों का उल्लंघन है। बहस इतनी बढ़ गई कि नकवी ने कहा कि इस पर चर्चा किसी अन्य मंच पर होगी।
बधाई देने में हिचकिचाहट
बैठक के दौरान, नकवी ने भारत को विजेता बनने पर बधाई देने से भी परहेज किया। बाद में, बीसीसीआई के दबाव में उन्हें मजबूरी में भारतीय टीम को बधाई देनी पड़ी, जिससे माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि भारतीय टीम को उनका हक मिलना चाहिए और ट्रॉफी औपचारिक रूप से सौंपी जानी चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि वे इसे एसीसी दफ्तर से लेने को तैयार हैं, लेकिन नकवी इसके लिए भी राजी नहीं हुए।
आईसीसी में शिकायत की योजना
बीसीसीआई का कहना है कि यह केवल ट्रॉफी का मामला नहीं है, बल्कि पूरे टूर्नामेंट की प्रतिष्ठा से जुड़ा मुद्दा है। ऐसे में, बोर्ड इस विवाद को आईसीसी तक ले जाने की योजना बना रहा है। भारतीय बोर्ड मानता है कि नकवी का व्यवहार खेल भावना और अंतरराष्ट्रीय परंपराओं के खिलाफ है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, जहां भारतीय प्रशंसक और पूर्व खिलाड़ी नकवी के व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं।