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एशिया कप में पाकिस्तान का यू-टर्न, मैच रैफरी को न हटाने के बावजूद खेलता रहेगा

पाकिस्तान ने एशिया कप में मैच रैफरी को न हटाने के बावजूद खेलने का निर्णय लिया है, जो पहले विवाद का कारण बना था। भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ न मिलाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी टीम वापस बुलाने की धमकी दी थी। लेकिन अब वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और पाकिस्तान की मजबूरी।
 

एशिया कप विवाद और पाकिस्तान की स्थिति

एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 10 सितंबर को हुए मैच के बाद हाथ न मिलाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, और सूर्यकुमार यादव ने कप्तान सलमान अली आगा से भी हाथ नहीं मिलाया।


इस घटना के बाद पाकिस्तान ने एशिया कप से अपनी टीम वापस बुलाने की धमकी दी थी। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहा है और टूर्नामेंट में खेलता रहेगा। इस पर लोग मजाक कर रहे हैं कि "पहले थूका, अब उसी को चाटेगा पाकिस्तान"।


जय शाह की सख्ती और PCB की स्थिति

एशिया कप में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की धमकी का आईसीसी पर कोई असर नहीं पड़ा। आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की मांग पर कोई मैच रैफरी नहीं बदला जाएगा। इसके अलावा, पाकिस्तान की शिकायत को खारिज कर दिया गया।


आईसीसी ने यह भी बताया कि मैच रैफरी ने केवल वही निर्देश दिए थे जो एशियाई क्रिकेट परिषद से प्राप्त हुए थे। जय शाह ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान एशिया कप से हटने की कोशिश करता है, तो उसे भारी जुर्माना और प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है, इसलिए वह इस जोखिम को नहीं उठा सकता।


मोहसिन नकवी का यू-टर्न

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने पहले कहा था कि देश की प्रतिष्ठा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन अब वह इस फैसले से पीछे हटने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, PCB समझ चुका है कि एशिया कप से बाहर होने पर उसे भारी नुकसान होगा।


पाकिस्तान और यूएई दोनों के पास 2-2 अंक हैं, लेकिन पाकिस्तान का नेट रन रेट बेहतर है। अगर पाकिस्तान बॉयकॉट करता है, तो यूएई को वॉकओवर से अंक मिलेंगे और वह सुपर-4 में पहुंच जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान का सफर समाप्त हो जाएगा।